गया: डीआइजी के जनता दरबार में आनेवाली शिकायतों का निबटारा करने के बजाय उस पर कुंडली मार कर बैठने वाले पुलिस अधिकारियों पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है. एक निर्धारित समय में शिकायतों का निबटारा करने की जिम्मेवारी संबंधित डीएसपी के कंधों पर देने की योजना बनायी जा रही है. इसे धरातल पर उतारने के लिए शुक्रवार को मगध रेंज के डीआइजी बच्चू सिंह मीणा ने डीएसपी (प्रशासन) अशोक कुमार के साथ विचार-विमर्श किया. एक सितंबर को मगध रेंज के डीआइजी का पदभार संभालने के बाद आइपीएस अधिकारी श्री मीणा जनता दरबार के साथ-साथ प्रतिदिन अपने कार्यालय में फरियादियों की समस्या सुनते हैं. इस दौरान उन्होंने पाया कि एक ही व्यक्ति ने कई बार गुहार लगायी, लेकिन उसकी समस्या धरी की धरी रह गयी.
डीआइजी ने इसे गंभीरता से लिया. डीआइजी ने बताया कि लोगों की समस्या का निबटारा करने के लिए जनता दरबार लगाने की योजना बनायी गयी थी, लेकिन देखा जा रहा है कि शिकायतों से संबंधित आवेदनों को एसएसपी के पास भेज दिया जाता है. एसएसपी के माध्यम से इस आवेदन को संबंधित डीएसपी, इंस्पेक्टर व थानाध्यक्ष के पास भेज दिया जाता है. इसके बाद किस अधिकारी ने क्या कार्रवाई की. मामले का निबटारा हुआ या नहीं.
इसकी रिपोर्ट डीआइजी कार्यालय नहीं भेजी जाती है. डीआइजी ने कहा कि अब जनता दरबार में आनेवाली शिकायतों को उनके कार्यालय से एसएसपी के साथ-साथ संबंधित डीएसपी को भी सीधे भेजा जायेगा. संबंधित डीएसपी यह सुनिश्चित करायेंगे कि समस्या का कितने दिनों में निबटारा किया गया.डीआइजी ने कहा कि टाल-मटोल की नीति अपनाने वाले पुलिस पदाधिकारियों को चिह्न्ति भी किया जायेगा और उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.