गया: गया कॉलेज शिक्षक संघ की बैठक मंगलवार को सीबी रमण भवन में हुई. इसकी अध्यक्षता डॉ सीडीपी सिंह ने की. इसमें संघ के सदस्यों ने फुटाब व फुस्टाब के आह्वान पर सरकार द्वारा जारी फॉर्म को नहीं भरने का निर्णय लिया. इस जांच फॉर्म में नियुक्ति से लेकर सेवा नियमितीकरण तक का प्रमाण पत्र जमा करने का प्रावधान है. सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के इस निर्णय को विश्वविद्यालय नियम का विरुद्ध करार देते हुए सदस्यों ने इसे स्वायत्तता पर हमला बताया है.
संघ के सचिव डॉ राम विलास सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा वेतन का भुगतान नियमानुकूल नहीं किया गया, तो इसकी जांच सरकार अपने अंकेक्षक से कराये. उन्होंने बताया कि शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन का भुगतान विलंब से करने की जांच शुरू कर दी गयी है. इस संबंध में मगध विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर शिक्षक संघ ने भी सरकार द्वारा जारी फॉर्म नहीं भरने का निर्णय लिया है. उपस्थित शिक्षकों ने बताया कि 1992 से लेकर 2006 तक पटना मे अंकेक्षण किया गया था. इसके बाद 2007 से 2012 तक मगध विवि में अंकेक्षण का काम किया गया.
फिर भी यह काम पूरा नहीं हो सका है. विवि शिक्षक संघ के महासचिव डॉ पीयूष कमल सिन्हा ने बताया कि बार -बार अंकेक्षण के नाम पर परेशान किया जा रहा है. इधर, बिहार राज्य विश्वविद्यालय व महाविद्यालय शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ भी सरकार द्वारा जारी फॉर्म नहीं भरने का निर्णय पहले ही ले चुका है. इसकी जानकारी प्रक्षेत्रीय मंत्री राजनंदन सिंह ने दी और कहा कि शिक्षकेतर कर्मचारी फॉर्म भर कर जमा नहीं करेंगे, यह महासंघ का निर्णय है.