स्वस्थ शरीर को लेकर देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लोग गंभीर हुए हैं. बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य और गंठीले व छरहरे बदन के लिए योग और जिम को जरूरी मान रहे लोगों की संख्या बढ़ रही है. रुढ़िवाद और परंपराओं की जकड़न में उलङो शहर-समाज में भी रहन-सहन के नये तौर-तरीके जगह बना रहे हैं. इस बदलाव की झलक अब गया में भी स्पष्ट दिख रही है. बड़ी संख्या में शहर के युवा जिम पहुंच रहे हैं. युवतियां और महिलाएं भी.
गया : शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर गया के लोग भी अब गंभीर हैं. मॉर्निग वाकर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है. प्रचार-प्रसार के बूते योग ने भी आम परिवारों में काफी जगह बना ली है. पर, शहरी युवाओं में जिम का आकर्षण काफी तेजी से बढ़ा है. पिछले कुछ वर्षो में कुछ ज्यादा ही. फिलहाल शहर में करीब आधा दर्जन ऐसे जिम चलने लगे हैं, जिनमें शारीरिक व्यायाम के लिए तमाम जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं. माना जा रहा है कि आनेवाले दिनों में बॉडी फिटनेस के लिए फिक्रमंद लोगों की संख्या और बढ़ेगी. क्योंकि, वर्ष-दो वर्ष पहले जहां एक जिम में 40-45 लोग आते थे, आज उनकी संख्या 200 तक पहुंच गयी है. अर्थात् जिम पसंद लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
गया में पहली बार 1995 ‘ज्यूमिनल ’ नाम से पहला जिम खुला था. बिल्कुल नयी चीज थी यहां के लिए. इसके बाद 1998 में ‘रॉबस्ट’ नाम से दूसरा जिम खुला. पर, तब तक जिम में वह बात नहीं थी, जो आज है. मीडिया (खासकर टीवी सीरियल व फिल्म्स) के प्रभाव के चलते आज गयावासी युवाओं के भी एक बड़े वर्ग में जिम का जादू सिर चढ़ कर बोल रहा है. यही कारण है कि एक के बाद एक कर कई जिम खुल गये. सबके यहां ग्राहकों की संख्या भी बढ़ रही है.
मॉडर्न जिम, बाहरी ट्रेनर
गया में जो जिम में खुले हैं या खुल रहे हैं, उनमें भी अब वे तमाम सुविधाएं मिलने लगी हैं, जो महानगरीय परिवेश में मिलती हैं. यहां के प्रमुख जिम अपने ग्राहकों को इन दिनों ट्रेड ह्वील, वाइब्रेटर, मसाजर व बॉडी लिफ्टर जैसे उपकरण सामान्यतया उपलब्ध करा रहे हैं. जिम चलानेवालों के मुताबिक, मुख्यत: इन्हीं उपकरणों की मांग यहां ज्यादा है. यहां के जिम के साथ एक और खास बात यह हुई है कि जिमवालों ने अच्छे ट्रेनर को भी महत्वपूर्ण समझा है. अब वे कोलकाता और दूसरे शहरों से ऐसे ट्रेनर मंगा रहे हैं, जो इनके ग्राहकों को संतुष्ट कर सकें. रोबस्ट में बतौर ट्रेनर काम कर रहे विकास कुमार कोलकाता से आये हैं. मणिपुरी युवक आमुध सिंह भी यहां ट्रेनर के रूप में काम कर रहे हैं.
महिलाओं में भी बढ़ा आकर्षण
अब जिम सिर्फ पुरुषों के लिए ही नहीं रहा. शहर की महिलाएं भी जिम जाने लगी हैं. बड़ी संख्या में. मोटापे और खास-खास किस्म की बीमारियों से बचाव के अतिरिक्त सुडौल शरीर भी इनकी ख्वाहिशों में शामिल है. गया के जिम में भी सुबह-शाम बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंच रही हैं. छात्र मिष्टि कुमारी कहती हैं कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही जिम ज्वाइन किया है. कारण बताते हुए वह कहती हैं, ‘आजकल की व्यस्त जिंदगी में शरीर का हम ठीक-ठीक ख्याल नहीं रख पाते. इससे आगे चल कर दिक्कतें हो रही हैं. मोटापा तो आम बात है. शारीरिक आकर्षण में भी असमय कमी दिखने लगती है.’ मिष्टि इस स्थिति के लिए खान-पान और रहन-सहन में तेजी से हो रहे बदलाव को जिम्मेवार मानती हैं. बचाव के लिए वह मौजूदा दौर में जिम को एक बेहतर साधन मानती हैं.