गया: सिविल सजर्न डॉ अरविंद कुमार ने रविवार की शाम फल्गु नदी में बने डायवर्सन के पूर्वी छोर पर फेंकी गयी सारी एलोपैथिक दवाइयां गया सर्जेसी के ही होने की पुष्टि की है. उन्होंने अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. अब यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है […]
गया: सिविल सजर्न डॉ अरविंद कुमार ने रविवार की शाम फल्गु नदी में बने डायवर्सन के पूर्वी छोर पर फेंकी गयी सारी एलोपैथिक दवाइयां गया सर्जेसी के ही होने की पुष्टि की है. उन्होंने अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है.
अब यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि फेंकी गयी दवाइयां किस पीएचसी को आवंटित की गयी थी.
इसके लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गयी है, जिसमें जयप्रकाश नारायण अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एसजेड अहसन, सजर्न डॉ संजय कुमार सिंह व प्रभारी जिला यक्ष्मा पदाधिकारी विजय कुमार सदस्य है. प्रथम दृष्टया मानपुर, खिजरसराय व वजीरगंज पीएचसी के कर्मचारी संदेह के घेरे में हैं.
गौरतलब है कि रविवार की शाम फल्गु नदी में बने डायवर्सन के पूर्वी छोर पर ढेर सारी एलोपैथिक दवाइयां फेंकी हुई मिलीं थीं. इनमें ज्यादातर अब भी उपयोगी हैं. कुछ का एक्सपायरी डेट 2015 का है, तो कुछ की 2016. जानकारी मिलने पर सिविल सजर्न डॉ अरविंद कुमार ने तुरंत वहां से दवाएं मंगवा ली थी. सभी दवा की सूची बना ली गयी है. बैच नंबर के आधार पर गया सर्जेसी की ही दवा होने की पुष्टि हो चुकी है. अब मानपुर, खिजरसराय व वजीरगंज पीएचसी से स्टॉक पंजी मंगवाया जा रहा है. ताकि पता लगाया जा सके कि फेंकी गयी दवाइयां किस अस्पताल की है.
संलिप्त शीघ्र होंगे चिह्न्ति
दवा फेंके जाने का मामला गंभीर है. जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गयी है. इसमें संलिप्त लोगों को शीघ्र चिह्न्ति कर लिया जायेगा. इसके बाद उसके विरुद्ध कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा जायेगा.
डॉ अरविंद कुमार, सिविल सजर्न, गया.