फोटो-प्रतिनिधि, मानपुर भोरे गांव में शिव गुरु जनकल्याण संस्थान की ओर से आयोजित शिव गुरु चर्चा व दिव्य ज्ञान यज्ञ में सोमवार को गृहस्थ संत विनयानंद जी ने शिवभक्तों से कहा कि शिष्य वही है, जिसके अंदर समर्पण का भाव हो. उन्होंने कहा कि अपने संपूर्ण अस्तित्व को सद्गुरु की भक्ति में लगा दें. फिर ना शिष्य का कोई नाम रह जाता, न कोई रूप. शिव को गुरु बनाने के बाद एक ही चाहत होती है कि गुरु हमें अपना लें. विनयानंद जी ने कहा कि व्यक्ति की दिखनेवाली आकृति तो उसकी होती है, पर अनुभव होनेवाली प्रकृति उसके अपने सद्गुरु की होती है.
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शिष्य वही, जिसके अंदर समर्पण का भाव हो : विनयानंद
फोटो-प्रतिनिधि, मानपुर भोरे गांव में शिव गुरु जनकल्याण संस्थान की ओर से आयोजित शिव गुरु चर्चा व दिव्य ज्ञान यज्ञ में सोमवार को गृहस्थ संत विनयानंद जी ने शिवभक्तों से कहा कि शिष्य वही है, जिसके अंदर समर्पण का भाव हो. उन्होंने कहा कि अपने संपूर्ण अस्तित्व को सद्गुरु की भक्ति में लगा दें. फिर […]
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