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दो पाटों के बीच पिस रहे हजारों परीक्षार्थी

गया: आंसू, रोशन, चंदन, रवींद्र व प्रीतम समेत करीब डेढ़ हजार छात्र आज अपने नसीब को कोस रहे हैं. उनका भी सपना था पढ़ने का, जीवन में आगे बढ़ने का. लेकिन, अब तक उनका मैट्रिक का रिजल्ट ही नहीं आया. इस बीच कॉलेजों में नामांकन का वक्त भी बीत चुका है. अब अगले साल ही […]

गया: आंसू, रोशन, चंदन, रवींद्र व प्रीतम समेत करीब डेढ़ हजार छात्र आज अपने नसीब को कोस रहे हैं. उनका भी सपना था पढ़ने का, जीवन में आगे बढ़ने का. लेकिन, अब तक उनका मैट्रिक का रिजल्ट ही नहीं आया. इस बीच कॉलेजों में नामांकन का वक्त भी बीत चुका है. अब अगले साल ही वह कॉलेजों में नामांकन ले पायेंगे. सभी छात्रों ने इसी साल हाइस्कूल, खुरार से मैट्रिक की परीक्षा दी थी. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इनके रिजल्ट तो प्रकाशित कर दिये, लेकिन मार्क्‍सशीट नहीं भेजी. अब वे स्कूल व जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) से लेकर जिला पदाधिकारी के कार्यालय तक फरियाद लगाते फिर रहे हैं. लेकिन, परिणाम भी सिफर ही रहा. प्रधानाध्यापक व डीइओ बदल गये हैं.

पूर्व के प्रधानाध्यापक व डीइओ कहते हैं कि इस संबंध में पहल करना अब उनका काम नहीं है. तो, वर्तमान प्रधानाध्यापक व डीइओ इसमें अपनी गलती न होने की बात कह पल्ला झाड़ ले रहे हैं. लेकिन, यह बताने को कोई तैयार नहीं कि आखिर इसके लिए दोषी कौन है? परीक्षा समिति ने एक पखवारा पूर्व ही इस मामले की जांच के लिए मगध प्रमंडल के क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक को अधिकृत किया था, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हो सकी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, खुरार हाइस्कूल में नियमित रूप से अध्ययनरत छात्र-छात्रओं की संख्या 308 थी, लेकिन मैट्रिक परीक्षा-2013 के लिए वहां से 1008 नियमित परीक्षार्थियों का पंजीयन हुआ. इनमें 700 छात्र डीपीएस के बताये जाते हैं. इसके अलावा 496 स्वतंत्र छात्रों का भी पंजीयन हुआ. परीक्षा समिति ने सभी का पंजीयन पत्र भी जारी किये, जिनके आधार पर मैट्रिक के परीक्षा फॉर्म भरे गये. एडमिट कार्ड (प्रवेश पत्र) आने के बाद सबने परीक्षा भी दे दी और रिजल्ट भी प्रकाशित हो गया.

अब परीक्षा समिति ने मार्क्‍सशीट पर रोक लगा दी है. इससे छात्र-छात्रओं व उनके अभिभावकों में आक्रोश व्याप्त है. गत दिनों छात्रों ने खुरार हाइस्कूल में जम कर हंगामा किया. टेबुल-कुरसी तोड़ कर जला दी. अगले दिन छात्रों ने डीएम ऑफिस के समक्ष भी प्रदर्शन किया. बताया जाता है कि फर्जी नाम से किसी ने परीक्षा समिति के अध्यक्ष को शिकायत की है. इसमें कहा गया है कि खुरार हाइस्कूल में मनमाने तरीके से भारी संख्या में मैट्रिक परीक्षा के फॉर्म भरे गये हैं. इस पर समिति ने मार्क्‍सशीट पर रोक लगाते हुए इसकी जांच का आदेश दिया. मगध प्रमंडल के क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक को इसके लिए अधिकृत किया गया है. उन्हें 15 दिनों में जांच रिपोर्ट भेजने को कहा गया है. उक्त आदेश जारी हुए 15 दिन बीत भी चुके हैं, लेकिन अब तक जांच शुरू भी नहीं हो सकी है. बताया जाता है कि क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक मेदो दास सप्ताह में एक दिन सिर्फ शुक्रवार को ही कार्यालय आते आते हैं.

इस संबंध में उनसे जानकारी लेने के लिए कई बार उनके मोबाइल नंबर 9304858349 पर कॉल की गयी, लेकिन उन्होंने उसे रिसीव नहीं किया. गौरतलब है कि डीएम ऑफिस के समक्ष छात्रों के प्रदर्शन के बाद डीएम ने डीइओ को तलब किया था. इस दौरान परीक्षा समिति के सचिव से बातचीत हुई थी, जिसमें यह बात सामने आयी थी कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही मार्क्‍सशीट भेजा जाना संभव है.

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