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‘शिक्षकों को खुश किये बगैर बच्चों का भविष्य बेहतर नहीं’

गया: नियोजित शिक्षक न्याय मोरचा के संरक्षक सह विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह ने कहा कि वेतनमान न केवल नियोजित शिक्षकों की, बल्कि समाज की भी समस्या है. अब भी समाज के ज्यादातर बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं. इनमें लगभग शत-प्रतिशत बच्चे दलित, पिछड़े व अल्पसंख्यक समुदाय के होते हैं. आखिर इन बच्चों का […]

गया: नियोजित शिक्षक न्याय मोरचा के संरक्षक सह विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह ने कहा कि वेतनमान न केवल नियोजित शिक्षकों की, बल्कि समाज की भी समस्या है. अब भी समाज के ज्यादातर बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं. इनमें लगभग शत-प्रतिशत बच्चे दलित, पिछड़े व अल्पसंख्यक समुदाय के होते हैं.

आखिर इन बच्चों का भविष्य कौन संवारेगा? शिक्षकों को खुश किये बगैर बच्चों के बेहतर भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती. असर संस्था ने भी सरकार को रिपोर्ट दी है की सरकारी स्कूलों में हाफ (माइंड) चाइल्ड पैदा हो रहे हैं. इसकी मुख्य वजह शिक्षकों का असंतुष्ट होना बताया गया है. श्री सिंह स्थानीय धर्मसभा भवन में आयोजित नियोजित शिक्षक अधिकार-रक्षा व सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे.

नियोजित शिक्षकों से खचाखच भरे धर्मसभा भवन में उन्होंने कहा कि समाज व देशहित में इतिहास लिखने का अवसर मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को मिला है. वह शिक्षकों को वेतनमान देना भी चाहते हैं. लेकिन, कुछ लोग अड़ंगा लगा रहे हैं. अड़ंगा लगानेवालों को शिक्षक कभी माफ नहीं करेंगे. जो शिक्षक हित की बात करेगा, वही सत्ता पर राज करेगा. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार ने शिक्षकों का स्वीकृत पद समाप्त कर सबसे बड़ी गलती की है.

यह कहां का न्याय है कि समान काम के लिए एक शिक्षक को 10 हजार, तो दूसरे को 60 हजार रुपये दिये जायें? उन्होंने पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में 22 फरवरी को आयोजित ‘शिक्षक अधिकार-रक्षा व सम्मान समारोह’ में सभी नियोजित व वित्त रहित शिक्षकों को चट्टानी एकता का परिचय देने का अनुरोध किया. ताकि, चाहे जिसकी भी सरकार हो, वेतनमान देने के लिए विवश हो जाये. मोरचा के प्रदेश संयोजक शिवेंद्र कुमार पाठक ने कहा कि राजनीतिक नेताओं के लिए 2015 चुनावी वर्ष है और शिक्षकों के लिए वेतनमान वर्ष. शिक्षकों ने थ्री डायमेंशनल स्ट्रैट्जी के तहत ऐसा भूचाल पैदा कर दिया है कि 22 फरवरी तक वेतनमान मिल कर रहेगा. लोहा गरम है सिर्फ हथौड़ा मारने की जरूरत है, जो 22 फरवरी को कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित ‘शिक्षक अधिकार-रक्षा व सम्मान समारोह’ में पूरा हो जायेगा.

उन्होंने कहा कि विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह नियोजित शिक्षकों के वादे पर खरा साबित हुए हैं. समारोह की अध्यक्षता मोरचा के जिला अध्यक्ष जितेंद्र कुमार सिंह व संचालन जिला संयोजक रणजीत कुमार ने किया. आगत अतिथियों का स्वागत जिला महासचिव आशुतोष कुमार ने किया. मोरचा के मुख्य सचेतक डॉ रामउदय प्रसाद, प्रमंडलीय सचिव मनोज कुमार, सचिव अली वसीर, कोषाध्यक्ष शक्ति सागर, प्रवक्ता अमरजीत कुमार, सह संयोजक मुन्ना यादव, शिराजधारी शर्मा, डॉ टीपी सिंह, रामरूप चौधरी व सत्य नारायण सिंह आदि ने संबोधित किया. समारोह में हजारों की संख्या में जिले भर के प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक व पुस्तकालयाध्यक्षों ने भाग लिया. अंत में मोरचा के सचेतक रवींद्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि मोरचा पहला संगठन है, जो प्रारंभिक शिक्षक से लेकर उच्चतर व पुस्तकालयाध्यक्षों को एकजुट कर आंदोलन कर रही है.

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