गया : गया–मुगलसराय रेलखंड के परैया रेलवे स्टेशन से पश्चिम करीब चार किलोमीटर दूर इंगलिश पर गांव के समीप शुक्रवार की रात माओवादियों द्वारा डाउन रेल ट्रैक उड़ाये जाने की घटना के आठ घंटे बाद शनिवार की सुबह सात बजे से रेल परिचालन शुरू हो गया.
घटना के घंटों बाद पुलिस पूरी तरह आश्वस्त हो गयी कि नक्सली निकल चुके हैं, तो ट्रैक की जांच की गयी. गया से रेल पुलिस व जिला पुलिस की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हुई. इससे पहले टिकारी डीएसपी, परैया व गुरारू थाने की पुलिस वहां पहुंच चुकी थी. रेलवे के ट्रैकमैन, गैंगमैन व इंजीनियर व मरम्मत करने वाले मजदूर भी पहुंचे. डाउनलाइन का ट्रैक पोल संख्या 488/2 के समीप करीब दो मीटर उड़ चुका था. उसे हटा कर दूसरी पटरी बिछायी गयी.
रेल पुलिस अधीक्षक (पटना) उपेंद्र कुमार सिन्हा भी गया पहुंचे और घटनास्थल का दौरा किया. रेल अधिकारियों से इस बारे में बातचीत की. परैया थाने में माओवादियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. शनिवार की शाम तक किसी के गिरफ्तारी की सूचना नहीं है.
रेल ट्रैक ठीक किये जाने के बाद डाउनलाइन पर पहले मालगाड़ी चलायी गयी. इसके बाद गुरारू स्टेशन पर खड़ी मेल ट्रेन लुधियाना–धनबाद को भेजा गया. अपलाइन से परैया रेलवे स्टेशन पर रात भर खड़ी रही हावड़ा–नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को भेजा गया. इसके बाद अन्य स्टेशनों पर डाउन व अप में रात से खड़ी अन्य गाड़ियों का परिचालन सुनिश्चित किया गया.
* पहुंचे वरीय अधिकारी
घटनास्थल पर एडिशनल एसपी अशोक कुमार सिंह,, टिकारी के डीएसपी तनवीर अहमद, रेल डीएसपी सुनील कुमार, आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त अजय प्रकाश दूबे, आरपीएफ के सीएनटी इंस्पेक्टर एमपी दूबे, आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह, आरपीएफ, जीआरपी, बीएमपी व जिला पुलिस के जवान वहां पहुंचे.
बम निरोधक दस्ता के अलावा सहायक मंडल अभियंता मयंक अग्रवाल, रेलवे अनुमंडल अस्पताल के मुख्य चिकित्सक डा वीवी सिंह, डॉ एएन सिंह, पावर हाउस के एके राय, गया रेलवे स्टेशन के एरिया अफसर विनोद झा, पीडब्ल्यूआइ के कर्मचारी पहुंचे.
* बंद के मद्देनजर दिया अंजाम
शनिवार को 24 घंटे के लिए माओवादियों के बंद के मद्देनजर ने नक्सलियों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. शुक्र था कि विस्फोट कराने वाले से चूक हुई, नहीं तो पायलट या फिर हावड़ा नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस हादसे की शिकार होती. जैसे ही उस स्थान से राजधानी के पहले गुजरनेवाले पायलट इंजन पास हुआ कि जोरों का धमाका हुआ. धमाका इतना तेज था कि रेल पटरी का टूटा हिस्सा कहां गया, अब तक पता नहीं. इस धमाके से अपलाइन के स्लिपर भी दूर हट गये हैं.
* दो को किया अगवा, बाद में छोड़ा
पायलट इंजन के ठीक पीछे हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस थी, जो परैया रेलवे स्टेशन पहुंच रही थी. धमाके की आवाज सुनते ही इंगलिश गुमटी पर उस वक्त ड्यूटी पर तैनात गेटमैन यमुना कुमार व सतीश कुमार ने गुमटी के अंदर पहुंच अंदर से किवाड़ बंद कर गुरारू व परैया रेलवे स्टेशन को इसकी सूचना दी. तब तक नक्सली वहां आ धमके और उन्हें हाथ ऊपर कर किवाड़ खोल बाहर आने को कहा.
बताया कि वे नक्सली हैं. अगर ऐसा नहीं करेंगे, तो उन्हें अंदर ही जिंदा जला दिया जायेगा. जान बचाने के लिए दोनों बाहर आ गये. दोनों को कब्जे में लेकर नक्सली करीब 50 मीटर ले जाकर बधार में बैठा दिया. उनके पास के मोबाइल भी ले लिये. इस बीच गेट के अंदर रखे इलेक्टॉनिक मशीन में आग लगा दी. दोनों से कहा गया कि इसकी जानकारी किसी को मत देना. गेट के दरवाजे पर बम रख दिये हैं.
अगर वहां गये तो उड़ जाओगे. थोड़ी देर बाद उन्हें सीधा घर जाने का आदेश माओवादियों ने दिया. घटनास्थल से शनिवार को पुलिस ने भाकपा माओवादियों द्वारा छोड़े गये दो पोस्टर, कुछ तार व विस्फोट में इस्तेमाल किये जाने वाले सामान बरामद किये हैं. इन्हें जांच के लिए भेजा जायेगा.
* जांच के बाद सुबह सात बजे से दौड़ने लगीं ट्रेनें