गया: हिंदी कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 134 वीं जयंती की पूर्व संध्या पर कादंबिनी क्लब ने क्रेन मेमोरियल स्कूल में बच्चों के बीच भाषण व निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया. विषय प्रवेश आयकर विभाग के उपायुक्त सौरभ कुमार राय कराया. उन्होंने कहा कि मुंशी प्रेमचंद ने जिन रचनाओं को 70 – 80 वर्ष पहले लिखा था वह आज भी प्रासंगिक है.
उन्होंने कहा कि प्रेमचंद आज कितने प्रासंगिक हैं यह जानने के लिए उनके साहित्य को तर्क व समय की कसौटी पर परखना जरूरी है. मुख्य अतिथि वयोवृद्ध साहित्यकार गोवर्धन प्रसाद सदय ने कहा कि मनुष्य को इनसान साहित्य ही बनाता है. प्रेमचंद साहित्य इसके लिए उपयोगी है. बच्चे जिस किसी क्षेत्र में जायें, वहां बेहतर काम करने के लिए बेहतर इनसान बनना जरूरी है. इस कार्यक्रम में निर्णायक मंडल के सदस्य के रूप में शामिल गया कॉलेज के अंगरेजी विभागाध्यक्ष डॉ केके नारायण ने कहा कि साहित्य हमें वह दृष्टिकोण देता है जो हमारी कार्यकुशलता को बढ़ाता है. उन्होंने कहा कि साहित्य से लगाव रखने से संवेदनशीलता आती है.
इसके लिए प्रेमचंद हर समय पर प्रासंगिक हैं. भारतीय वन सेवा के युवा अधिकारी डीएफओ आलोक कुमार ने बच्चों को साहित्य से लगाव रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि आइआइटी का छात्र होने के बाद भी प्रेमचंद साहित्य से विशेष लगाव रहा है. डॉ सच्चिदानंद प्रेमी ने कहा कि हिंदी साहित्य के अध्ययन से हम अपनी संस्कृति को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं. इसके लिए प्रेमचंद साहित्य पढ़ना जरूरी है. स्कूल के प्राचार्य फादर जेम्स ने अतिथियों का स्वागत किया. समारोह के संयोजक कुंदन कुमार ने बताया कि इस प्रतियोगिता में 44 बच्चों ने हिस्सा लिया. इस अवसर पर अंजना मित्तल, रंजय कुमार समेत कई लोग मौजूद थे.