गया: शहर स्थित प्रभावती अस्पताल में एक प्रसूता के इलाज में बरती गयी लापरवाही और डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा किये गये र्दुव्यवहार के विरोध में बुधवार की शाम बोधगया के रहनेवाले परिजनों ने हंगामा किया. घटना की जानकारी पाकर सिविल लाइंस थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी. परिजनों के व्यवहार को देखते हुए […]
गया: शहर स्थित प्रभावती अस्पताल में एक प्रसूता के इलाज में बरती गयी लापरवाही और डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा किये गये र्दुव्यवहार के विरोध में बुधवार की शाम बोधगया के रहनेवाले परिजनों ने हंगामा किया. घटना की जानकारी पाकर सिविल लाइंस थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी. परिजनों के व्यवहार को देखते हुए पुलिस घंटों कैंप करती रही. इस मामले को लेकर अस्पताल में देर शाम से ही गहमागहमी रही.
जानकारी के अनुसार, वजीरगंज थाने के पतेड़ मंगरावां के (अब बोधगया में रहते हैं) शिवशंकर प्रसाद के बड़े बेटे अभिषेक कुमार की पत्नी अंशुलता पांडे गर्भवती थीं. वह प्रभावती अस्पताल के डॉक्टरों से लगातार सलाह ले रही थीं. अंशुलता के देवर अभिजीत कुमार ने बताया कि 26 जनवरी को वह अपनी भाभी को अस्पताल लेकर आया. उस दिन महिला डॉक्टर ने जांच कर बताया था कि गर्भ में बच्चा ठीक है. प्रसव का दर्द शुरू होने पर अस्पताल में भरती कर दीजियेगा. 27 जनवरी की दोपहर करीब दो बजे हल्का दर्द होने पर उन्हें प्रभावती अस्पताल में भरती कराया गया. उसके बाद अस्पताल में ड्रामा शुरू हो गया. कभी डॉक्टर नहीं, तो कभी नर्स नहीं.
आरोप है कि उनके परिजनों को अस्पताल में परेशान किया गया. काफी कहासुनी के बाद बुधवार को करीब साढ़े 11 बजे डॉक्टरों ने प्रसव कराने के लिए उनकी भाभी का ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने बताया कि गर्भ में मृत बच्च था. अभिजीत ने डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा कि दो दिन पहले ही डॉक्टर ने उनकी भाभी के स्वास्थ्य की जांच की थी. उस समय बताया था कि बच्च स्वस्थ है. अब ऑपरेशन के बाद कह रहे हैं कि गर्भ में मरा हुआ बच्च था. यह कैसे संभव है. इससे स्पष्ट है कि इलाज के दौरान अस्पताल में लापरवाही बरती गयी.
इस मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ यूएन पंजियार ने बताया कि मृत बच्चे के जन्म होने की सूचना मिलते ही परिजन उग्र हो गये. उन्होंने इलाज में लापरवाही बरतने की बात से इनकार किया है. इधर, सिविल लाइंस थानाध्यक्ष नीहार भूषण ने बताया कि परिजनों द्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इस मामले की छानबीन की जा रही है.
नवजात के बदले जाने की अफवाह से रही गहमागहमी : प्रसव के पहले तक जच्च-बच्च के स्वस्थ रहने व प्रसव के बाद मरा हुआ बच्चा जन्म लेने की घटना के बाद अस्पताल में काफी देर तक नवजात के बदले जाने की भी अफवाह उड़ती रही. इस मामले को लेकर अस्पताल में घंटों माहौल गरम रहा.