बोधगया: मगध विश्वविद्यालय कैंपस स्थित ग्रामीण विकास प्रबंधन संस्थान अर्थात इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट मैनेजमेंट (आइआरडीएम) के पीएचडी कोर्स में एडमिशन शुरू कराने के लिए सोमवार को छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल कुलपति प्रो एम इश्तियाक से मिला.
इनमें अधिकतर प्री-पीएचडी के सफल छात्र थे. इनका कहना है कि 2013 में मास्टर इन रूरल डेवलपमेंट मैनेजमेंट ( एमआरडीएम) में एडमिशन पर रोक लगी थी, तब से पठन-पाठन ठप है व प्री-पीएचडी उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को पीएचडी कोर्स में एडमिशन भी नहीं मिल रहा है. सोमवार को छात्रों ने वीसी से मुलाकात कर कहा है कि 2009 के रेगुलेशन के तहत प्री-पीएचडी पास छात्र-छात्राओं को कोर्स वर्क के लिए नामांकन दिया जाये व एमआरडीएम पास छात्र-छात्राओं को प्री-पीएचडी परीक्षा के लिए आवेदन करने की सुविधा दी जाये.
छात्रों ने यह भी मांग की है कि ग्रामीण विकास प्रबंधन संस्थान में डिग्री कोर्स में एडमिशन पर लगी रोक हटे व संस्थान को आइआरडीएम के निजी भवन में शिफ्ट किया जाये. इस पर तुरंत निर्णय नहीं लेने की स्थिति में छात्रों ने आंदोलन की चेतावनी दी है. उधर, विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कहा है कि एमयू ने आइआरडीएम को स्वीकृति प्रदान करने के लिए रेगुलेशन की प्रति राजभवन सचिवालय को भेजा गया है. उम्मीद है कि जल्दी ही वहां से स्वीकृति मिल जायेगी.