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‘तीसरी आंख’ की निगरानी में मगध मेडिकल कॉलेज

गया: करीब 13 लाख रुपये की लागत से अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लगाये गये 60 सीसीटीवी कैमरे (तीसरी आंख) गुरुवार से काम करने लगेंगे. अस्पताल के चप्पे-चप्पे पर कैमरों की नजर रहेगी. इससे अस्पताल प्रशासन को न केवल हुड़दंगी, बिचौलिये व असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगाने में सहूलियत होगी, बल्कि चिकित्सा व्यवस्था […]

गया: करीब 13 लाख रुपये की लागत से अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लगाये गये 60 सीसीटीवी कैमरे (तीसरी आंख) गुरुवार से काम करने लगेंगे. अस्पताल के चप्पे-चप्पे पर कैमरों की नजर रहेगी.

इससे अस्पताल प्रशासन को न केवल हुड़दंगी, बिचौलिये व असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगाने में सहूलियत होगी, बल्कि चिकित्सा व्यवस्था को भी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. अस्पताल के प्रवेश द्वार से लेकर इमरजेंसी वार्ड, सेंट्रल रजिस्ट्रेशन काउंटर, आउटडोर, इनडोर, क्लिनिकल पैथो लैब, ब्लड बैंक, दवा वितरण केंद्र व अधीक्षक कार्यालय आदि जगहों पर 60 सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम एक स्थानीय निजी एजेंसी को सौंपा गया है. हालांकि कैमरे लगाने के काम को जून में ही पूरा कर लिया जाना था.

लेकिन, डेढ़ माह से अधिक का समय लग गया. एजेंसी के प्रोपराइटर बबलू कुमार की मानें, तो कैमरे लगाने का काम पूरा हो गया है. गुरुवार से अस्पताल अधीक्षक अपने कक्ष में बैठे-बैठे ही पूरे अस्पताल पर नजर रख सकते हैं.

पिछले वर्ष स्वीकृत हुई थी योजना
अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना पिछले वर्ष ही स्वीकृत हुई थी, लेकिन पैसों की कमी के कारण काम लंबित था. अस्पताल अधीक्षक डॉ सुधीर कुमार सिन्हा की मानें, तो विभाग से पैसे आने के इंतजार में एक स्थानीय निजी एजेंसी को काम कराने की इजाजत दी गयी. पैसे का भुगतान बाद में किया जायेगा. राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग को राशि मुहैया कराने के लिए लिखा गया है. उन्होंने बताया कि उनके कार्यालय समेत पूरे अस्पताल परिसर में 60 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. इससे अस्पताल के चप्पे-चप्पे पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी. अब शायद ही कोई अधिकारी, डॉक्टर या कर्मचारी ड्यूटी में कोताही करेंगे. कैमरे में एक-एक मिनट का फुटेज रेकॉर्ड होगा कि कौन, क्या कर रहा है? इसके अलावा असामाजिक तत्व, बिचौलिये व हुड़दंगियों की तसवीरें भी कैमरे में कैद होंगी. इससे उन पर अंकुश लगाने में सहूलियत होगी. इससे अस्पताल के डॉक्टर, कर्मचारी, मरीज व उनके परिजन महफूज महसूस करेंगे. आये दिन अस्पताल में मरीज के परिजनों व डॉक्टरों के बीच मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं. उम्मीद है कि इस प्रकार की घटनाओं में कमी आयेगी. इंटर्न व मेडिकल कॉलेज के छात्र भी उग्र आंदोलन करने से परहेज करेंगे.

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