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कैसे होगी पितृपक्ष मेले की व्यवस्था !

गया: पितृपक्ष शुरू होने अब महज एक माह शेष हैं. ऐसे में निगम के लिए भी कामकाज बढ़ गया है. प्रशासनिक स्तर पर निगम में कामकाज तो हो रहा है, लेकिन अभी तक पितृपक्ष को लेकर कोई आधिकारिक बैठक नहीं हो सकी है. मेयर व डिप्टी मेयर के पद खाली होने के कारण न तो […]

गया: पितृपक्ष शुरू होने अब महज एक माह शेष हैं. ऐसे में निगम के लिए भी कामकाज बढ़ गया है. प्रशासनिक स्तर पर निगम में कामकाज तो हो रहा है, लेकिन अभी तक पितृपक्ष को लेकर कोई आधिकारिक बैठक नहीं हो सकी है. मेयर व डिप्टी मेयर के पद खाली होने के कारण न तो बोर्ड और न ही स्टैंडिंग कमेटी की बैठक हो पायी है. छह अगस्त को पितृपक्ष की तैयारी को लेकर बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन उसे स्थगित कर दिया गया.

राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, 28 अगस्त को मेयर का चुनाव होना है. अगर इसके बाद पितृपक्ष को लेकर बैठक होती है, तो फिर शायद उसका कोई औचित्य नहीं रह जायेगा, क्योंकि तब पितृपक्ष मेले की तैयारी अंतिम दौर में होगी. फिलहाल, यह देखना है कि पार्षद पितृपक्ष को लेकर कितनी सजगता दिखाते हैं. बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 के धारा 48 (2) के अनुसार, पार्षदों के कम से कम 2/5 भाग द्वारा लिखित रूप से मांग किये जाने पर बैठक हो सकती है.

नगर निगम ने मांगे एक करोड़ 20 लाख : जानकारी के अनुसार, नगर निगम ने पितृपक्ष मेले के दौरान

सभी व्यवस्थाओं के लिए एक करोड़ 20 लाख रुपये की मांग की है.

इसमें प्रथम चरण में विभाग ने लगभग 60 लाख रुपये उपलब्ध कराने को

कहा है. पितृपक्ष के दौरान यात्रियों को ठहरने के लिए बने आवासन स्थलों की साफ-सफाई का निर्देश दिया गया. मंगलवार को डीएम ने सभी आवासन स्थलों की जल्द सफाई शुरू करने का निर्देश दिया.

क्या हो रहा पानी के लिए

शहर में लगे 32 पंपिंग स्टेशनों में से 29 फिलहाल काम कर रहे हैं. इसके अलावा शहर के अन्य क्षेत्रों में पाइपलाइन को मरम्मत करने का काम भी चल रहा है.

क्या हो रहा रोशनी के लिए

शहर में लगी 21 हाइमास्ट लाइट, 52 मिनी हाइमास्ट लाइट, 45 सीएफल स्ट्रीट लाइट व करीब 1800 पीले वेपर लाइट का सर्वे कराया जा रहा है. खराब पड़ी लाइटों को ठीक करने के प्रयास जारी हैं.

कैसे होगी सफाई

सफाई व्यवस्था के लिए हर साल निगम दो तरह की प्लानिंग करता है. इसमें पहली प्लानिंग पितृपक्ष के 15 दिनों पहले की व्यवस्था और दूसरी पितृपक्ष के दौरान की जाने वाली व्यवस्था. मेले के दौरान दो पालियों में सफाई व्यवस्था करायी जायेगी. देवघाट इलाके में अधिक भीड़ होने के कारण यहां तीन पालियों में सफाई होगी. विभागीय जानकारी के अनुसार, वर्तमान में शहर की नालियों की सफाई का काम लगभग 80 प्रतिशत हो चुका. बड़े नालों में कुजापी नाला और बॉटम नाले की सफाई जारी है. मुख्य तालाबों में वैतरणी, ब्रrासत, रामकुंड, ब्रrाकुंड, सूर्यकुंड, पितामहेश्वर उत्तर मानस तालाब की सफाई एक बार करायी जा चुकी है. दूसरे राउंड की सफाई हो रही है. विष्णुपद इलाके के घाटों की सफाई के लिए स्थायी लेबर दिये गये हैं.

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