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”आगे बढ़ना है, तो किताबों से करें दोस्ती”
गया : पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का कद इतना बड़ा है कि उनके बारे में कम समय में कहना मुश्किल है. लेकिन, एक बात तो निश्चित तौर पर सत्य है कि वाजपेयी के इस विराट कद के पीछे किताबों की बड़ी भूमिका रही है. उन्होंने हर विषय पर अपनी पकड़ बनायी. इसलिए अगर […]
गया : पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का कद इतना बड़ा है कि उनके बारे में कम समय में कहना मुश्किल है. लेकिन, एक बात तो निश्चित तौर पर सत्य है कि वाजपेयी के इस विराट कद के पीछे किताबों की बड़ी भूमिका रही है. उन्होंने हर विषय पर अपनी पकड़ बनायी. इसलिए अगर आप लोगों को उनका अनुसरण करना है, तो किताबों से दोस्ती कर लें. ये बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय पासवान ने गुरुवार को मगध पुस्तक मेले के समापन पर बतौर मुख्य अतिथि कहीं.
उन्होंने कहा कि एक सहृदय कवि से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक का उनका सफर वाकई चौंकाने वाला है. अपनी बातों से उन्होंने समरसता, एकत्व व राष्ट्रवाद का नारा बुलंद किया. वह इस बात के पक्षधर थे कि जय बजरंग बली के साथ या अली भी लोग बोलें. राम की पूजा के साथ लोग माता शबरी की भी पूजा करें.
इसके पहले अक्षर संसार फाउंडेशन के संयोजक कुंदन कुमार ने मुख्य अतिथि डॉ संजय पासवान, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जैनेंद्र कुमार, अनिल स्वामी, समाजसेविका गीता दीदी, अशोक कुमार आचार्य, भोला मिश्रा, महेश शर्मा आदि को किताबदेकर अभिनंदन किया.
नन्हीं पूजा का हुआ सम्मान : शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से नन्हीं पूजा व उसकी मां को सम्मानित किया गया. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पूजा को सम्मानित किया. इसके अलावा एकलव्य प्रकाशन की ओर से पूजा को किताबें भेंट की गयीं. वहीं, 12 दिवसीय पुस्तक मेले सह सांस्कृतिक महोत्सव में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया.
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