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पितृपक्ष में शौचालयों पर खर्च होते हैं हजारों रुपये, लेकिन पूरे साल नहीं होता रखरखाव

देवघाट पर पीएचईडी की ओर से तीन वर्ष पहले बनवाये गये थे डीलक्स शौचालय पितृपक्ष के पहले शौचालयों पर 2016 में एक लाख व 2017 में खर्च किये गये थे 80 हजार रुपये गया : विष्णुपद स्थित देवघाट पर पिंडदानियों के लिए बनाये गये डीलक्स शौचालयों पर हर साल पितृपक्ष मेला शुरू होने से पहले […]

देवघाट पर पीएचईडी की ओर से तीन वर्ष पहले बनवाये गये थे डीलक्स शौचालय

पितृपक्ष के पहले शौचालयों पर 2016 में एक लाख व 2017 में खर्च किये गये थे 80 हजार रुपये
गया : विष्णुपद स्थित देवघाट पर पिंडदानियों के लिए बनाये गये डीलक्स शौचालयों पर हर साल पितृपक्ष मेला शुरू होने से पहले इन्हें उपयोग लायक बनाने के लिए पीएचइडी हजारों रुपये खर्च करता है, लेकिन पितृपक्ष बीत जाने के बाद इन शौचालयों का रखरखाव एक दिन भी नहीं करता. एक आंकड़े के अनुसार 2016 में एक लाख व 2017 में इन शौचालयों पर 80 हजार रुपये खर्च किये गये व इस साल 50 हजार रुपये खर्च करने की योजना है. पितृपक्ष के अलावा सालों भर इन शौचालयों का रखरखाव नहीं हाने के कारण इनका उपयोग न तो यहां सालों भर आने वाले पिंडदानी कर पाते हैं और न दूसरे लोग.
हालांकि पिछले दो सालों से पीएचइडी इन शौचालयों को नगर निगम को हैंड ओवर करने की बात कह रहा है, लेकिन निगम व पीएचइडी के अधिकारियों की लापरवाही से यह मामला अटका पड़ा है.
नगर िनगम ने नहीं की स्टाफ की िनयुक्ति
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में पीएचइडी के द्वारा देवघाट पर आठ लाख रुपये की लागत से 12 यूनिट डीलक्स शौचालयों का निर्माण करवाया गया था. उस वक्त तक देवघाट पर सिर्फ दो ही शौचालय थे, जो आज जर्जर स्थिति में हैं. यहां शौचालय के अलावा यूरिनल भी बनवाये गये थे. यह तय हुआ था कि नगर निगम से एक सहायक को यहां तैनात कराया जायेगा, ताकि शौचालयों की साफ-सफाई हो सके, लेकिन नगर निगम प्रशासन ने कम स्टाफ का हवाला देकर इससे पल्ला झाड़ लिया.
हैंडओवर पर नहीं बनी बात
दो साल पहले पीएचइडी ने नगर निगम प्रशासन को विभाग द्वारा बनाये गये शौचालयों को हैंड ओवर करने की पहल की थी. इसके लिए पत्राचार भी हुआ था, लेकिन बात नहीं बन सकी. नतीजा हुआ कि पीएचइडी के द्वारा भी इन शौचालयों के रखरखाव को लेकर बहुत ध्यान नहीं दिया गया. इस कारण शौचालयों के दरवाजे, पानी का पाइप आदि को असामाजिक तत्वों ने कई बार नुकसान पहुंचाया.
क्या कहते हैं अधिकारी
देवघाट पर बने शौचालय के अलावा जहां भी पीएचइडी के शौचालय हैं उन्हें नगर निगम को हैंडओवर किया जायेगा. हमारे पास इतने स्टाफ नहीं हैं कि शौचालयों का रखरखाव सही तरीके से हो. इसके लिए जल्द ही नगर निगम के अधिकारियों से बात की जायेगी.
विवेक कुमार, कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी

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