बैठक में शोर-शराबा, सदस्यों ने अपनी बात रखने के लिए मेज थपथपायी
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वर्ष 2017-18 में जिला पर्षद काे बजट के बचे 23.50 कराेड़ रुपये
बैठक में शोर-शराबा, सदस्यों ने अपनी बात रखने के लिए मेज थपथपायी प्रखंड प्रमुखों ने कहा, सदन में नहीं सुनी जाती उनकी बात गया : जिला पर्षद की आम वार्षिक बैठक शनिवार काे जिला पर्षद सभागार में अध्यक्ष लक्ष्मी देवी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में बीच-बीच में शाेर-शराबा हाेता रहा. सदस्याें ने अपनी बातें […]
प्रखंड प्रमुखों ने कहा, सदन में नहीं सुनी जाती उनकी बात
गया : जिला पर्षद की आम वार्षिक बैठक शनिवार काे जिला पर्षद सभागार में अध्यक्ष लक्ष्मी देवी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में बीच-बीच में शाेर-शराबा हाेता रहा. सदस्याें ने अपनी बातें रखने के लिए मेजें थपथपायीं. इस बीच जिला पर्षद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी किशाेरी चाैधरी ने वर्ष 2018-19 के संभावित आय-व्यय का लेखा जाेखा रखा. उन्हाेंने संभावित आय 24 कराेड़ 34 लाख 29 हजार 884 रुपये जबकि संभावित व्यय 16 कराेड़ 95 लाख 73 हजार 394 रुपये बतायी. इस प्रकार आय-व्यय के हिसाब के बाद सात कराेड़ 38 लाख 56 हजार 490 रुपये की बचत का अनुमानित बजट ध्वनिमत से पारित कर दी गयी.
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि वर्ष 2017-18 में जिला पर्षद की वास्तविक आय 24 कराेड़ 38 लाख 38 हजार 737 रुपये था जबकि इसके विपरीत व्यय महज 88 लाख 11 हजार 615 रुपये हुआ था. इस प्रकार 23 कराेड़ 50 लाख 27 हजार 122 रुपये की बचत हुई.
बैठक से पहले प्रखंड प्रमुख सदन के बाहर ही बैठ गये धरना पर, उपाध्यक्ष ने समझा कर लाया सदन में
सदन शुरु हाने से पहले प्रखंडाें से आये प्रखंड प्रमुख ने सदन में मान-सम्मान नहीं मिलने, उन्हें बाेलने का माैका नहीं दिये जाने व उनकी बाताें पर अधिकारी के ध्यान नहीं दिये जाने के मसले पर वे सदन के बाहर धरना पर बैठ गये. जिला पर्षद उपाध्यक्ष रेखा कुमारी के आने व उन्हें समझाने के बाद वे सदन की बैठक में भाग लिये. बैठक में जिला पर्षद उपाध्यक्ष रेखा कुमारी, डीआरडीए के डायरेक्टर संताेष कुमार के अलावा 43 जिला पार्षद, 17 प्रमुख व 27 अधिकारी माैजूद हुए.
प्रधान सहायक को लगायी फटकार
इस बीच बजट के आंकड़े बताने के लिए जिला पर्षद के प्रधान सहायक सह लेखापाल शैलेंद्र कुमार सिंह ने बाेलना शुरू किया ताे आंकड़े बताने में उलझ गये. इसपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने फटकार लगायी. उन्हाेंने कहा कि यह कामकाज का तरीका सही नहीं. पार्षदाें काे क्या जब मुझ भी पेश हाेनेवाली बजट की कॉपी नहीं उपलब्ध करायी गयी. उन्हाेंने कहा कामकाज का तरीका सुधारें नहीं ताे बर्खास्त कर दिया जायेगा. पार्षदाें के लिए माइक तक का इंतजाम नहीं था. किसी गुड्डू नामक जूनियर इंजीनियर की खाेज हुई सदन काे बिना बताये गायब रहने पर डीडीसी ने कार्रवाई की चेतावनी दी.
अध्यक्ष की गाड़ी पर खर्च होंगे "384600
सबसे दिलचस्प बात ताे यह है कि इतने साल बाद भी जिला पर्षद अध्यक्ष के लिए जिला पर्षद के पास अपना वाहन नहीं है. भाड़े के वाहन से काम चलाया जाता है. जिसका सालाना बजट तीन लाख 84 हजार 600 रुपये रखा गया है, जबकि पिछले सत्र यानी 2017-18 में इस पर खर्च दाे लाख 73 हजार 368 रुपये का आया है. सदन में जिला पार्षद नागेंद्र यादव ने कहा कि अध्यक्ष के जिला पर्षद का अपना वाहन हाेने से उस पर फिजुल खर्च पर राेक लगेगी. जिला पार्षदाें काे विधायकाें की तरह आवास की सुविधा मिलनी चाहिए . टीए-डीए के लिए हर पार्षदाें काे 2000-2000 रुपये देने की उन्हाेंने सदन में मांग रखी. उन्हाेंने कहा पार्षदाें के लिए एक कॉमन रूम भी हाे जहां समय-समय पर वे आकर बैठ सकें. उन्हाेंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि जिला पर्षद के पास सफाई कर्मचारी, माली, नाइट गार्ड व खानसामा का अभाव है. इस पर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि मांगें जायज हैं, इनपर विचार किया जायेगा.
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