बोधगया: कहते हैं प्रतिभा के धनी लोगों को मंजिल तक पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगता है. मेहनत व लगन के भरोसे वह सम्मान के पात्र बन ही जाते हैं. ऐसा ही है बोधगया की डॉ वशीला आफरीन को डॉ मालाती एलेन नोवल अवार्ड से सम्मानित किया जाना.
आफरीन को 27 मई 2014 को कोलकाता के साइंस सिटी मेन ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम में देश भर के विभिन्न होमियोपैथिक कॉलेजों के 100 टॉपर विद्यार्थियों के साथ एलेन नोवल अवार्ड से सम्मानित किया गया. इसमें बिहार के अलग-अलग होमियोपैथिक कॉलेजों के केवल पांच विद्यार्थी शामिल हो सके. विगत चार वर्षो से दिये जा रहे इस अवार्ड में बिहार के छात्रों को पहली बार शामिल किया गया था.
इसमें डॉ आरबी सिंह होमियोपैथिक कॉलेज, गया की बीएचएमएस की टॉपर छात्र आफरीन भी शामिल थी. हालांकि, आफरीन की बड़ी बहन गजाला नोशी को बीएचएमएस की फाइनल परीक्षा में सेकेंड स्थान हासिल हुआ था. पर, वह भी अपनी छोटी बहन के साथ अवार्ड समारोह में शिरकत की. गौरतलब है कि एलेन लेबोरेटरी दवा की एक कंपनी है.
वह होमियोपैथिक कॉलेजों के टॉपर विद्यार्थयों को इस अवार्ड से हर साल सम्मानित करती है. पुरस्कार वितरण समारोह में डॉ मालानी एलेन चैरिटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ जीपी सरकार, अवार्ड कमेटी के अध्यक्ष डॉ सुनिरमल सरकार सहित अन्य जाने-माने हस्ती मौजूद थे. बोधगया पहुंचने पर आफरीन ने बताया कि वह फिलहाल डॉ आरबी सिंह होमियोपैथिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल में इंटर्नशिप कर रही है. उन्हें प्रमाणपत्र, मेडल के साथ ही 10 हजार रुपये का चेक भी प्रदान किया गया है. उल्लेखनीय है कि आफरीन के पिता सैयद हसीमूल हक बोधगया में फोटो कॉपी की दुकान चलाते थे. पर, पिछले साल सात जुलाई को महाबोधि मंदिर में हुए बम विस्फोट के बाद मंदिर परिसर के बाहर स्थित महाबोधि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को तोड़े जाने के बाद उनकी दुकान भी बंद हो गयी है. ऐसे में उम्मीदों के चिराग को आफरीन ने रोशन किया है. इस अवार्ड के बाद आफरीन का हौसला भी बढ़ा है.