गया : शहर में कई जगहों पर लगे स्ट्रीट लाइट रखरखाव के अभाव में खराब हैं या फिर इनमें से बल्ब ही गायब हो गये हैं. व्हाइट हाउस मुहल्ले में करीब 20 जगहों पर स्ट्रीट लाइटें लगायी गयी हैं. लेकिन, इनमें से 12 लाइटें खराब बतायी जाती हैं. शाम होते ही कई गलियों में अंधेरा […]
गया : शहर में कई जगहों पर लगे स्ट्रीट लाइट रखरखाव के अभाव में खराब हैं या फिर इनमें से बल्ब ही गायब हो गये हैं. व्हाइट हाउस मुहल्ले में करीब 20 जगहों पर स्ट्रीट लाइटें लगायी गयी हैं. लेकिन, इनमें से 12 लाइटें खराब बतायी जाती हैं. शाम होते ही कई गलियों में अंधेरा छा जाता है. लोगों ने बताया कि व्हाइट हाउस कंपाउंड में कहने को पूर्व विधायक, कई शिक्षाविद, अधिकारी व अन्य लोग रहते हैं. शहर का वार्ड नंबर 32 रिहायशी इलाकों में शुमार है.
इसके बाद भी यहां अब तक खराब पड़े लाइटों को ठीक नहीं कराया गया है. कई जगह स्ट्रीट लाइट का सिर्फ ढांचा ही अब शेष बच गया है. ऐसे नगर निगम के अधिकारी हर वक्त यह दावा करते हैं कि शहर में लाइटिंग व्यवस्था दुरुस्त कर दी गयी है. रखरखाव के लिए प्राइवेट एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी गयी है. लेकिन, यहां की स्थिति देख कर साफ हो जाता है कि निगम के सारे दावे फेल हैं.
लापरवाही चरम पर
बैठक में कई बार लाइटें बंद होने की बात उठायी गयी है. अधिकारी सिर्फ आश्वासन देते रहे हैं. लापरवाही चरम सीमा को पार करती जा रही है. रखरखाव के लिए प्राइवेट एजेंसी को काम सौंपा गया है. नये बोर्ड के गठन के बाद एक भी लाइट वार्ड में नहीं लगाया गया है. मरम्मती में भी कोताही बरती जा रही है. निगम में अधिकारी सभी की सुनते जरूर हैं, लेकिन कार्रवाई अपने मन के मुताबिक ही करते हैं.
गजेंद्र सिंह, पार्षद, वार्ड 32
लापरवाही का नतीजा है यह
म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन द्वारा की जा रही लापरवाही के कारण लाइटें खराब हैं. अधिकारी व कर्मचारी इस बारे में कुछ भी सुनने को तैयार नहीं होते.
मोहम्मद नवाब अली
शाम होते ही गलियों में अंधेरा रहने से कई तरह की आशंकाएं बनी रहती हैं. लाइट ठीक कराने के लिए अधिकारियों को सूचित किया गया है, पर स्थिति पहले जैसी बरकरार है.
मोहम्मद खिजिर हैयात
रखरखाव पर ध्यान देने की जरूरत है. रखरखाव के अभाव में स्थिति बदतर होती जा रही है. अधिकारी सिर्फ लंबी-चौड़ी बातें करते हैं.
मोहम्मद टिपू
नगर निगम को टैक्स देने में कोताही नहीं की जाती. सुविधाओं को बरकरार रखने में निगम की ओर से लापरवाही क्यों की जाती है. इसमें सुधार लाने की जरूरत है.
मोहम्मद मुकीमउद्दीन