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अस्पतालों में कामकाज शुरू, मरीजों को राहत
भारी-भरकम बकाये के चलते बंद हुआ था काम एजेंसी ने कहा, फिर मिला है भुगतान का आश्वासन गया : बकाया भुगतान नहीं होने पर अस्पतालों में भोजन, सफाई और जेनेरेटर से बिजली सप्लाई का काम बंद कर देनेवाली एजेंसी ने मंगलवार से पुन: काम शुरू कर दिया है. पता चला है कि उसे जल्द ही […]
भारी-भरकम बकाये के चलते बंद हुआ था काम
एजेंसी ने कहा, फिर मिला है भुगतान का आश्वासन
गया : बकाया भुगतान नहीं होने पर अस्पतालों में भोजन, सफाई और जेनेरेटर से बिजली सप्लाई का काम बंद कर देनेवाली एजेंसी ने मंगलवार से पुन: काम शुरू कर दिया है. पता चला है कि उसे जल्द ही भुगतान किये जाने का आश्वासन मिला है. सिविल सर्जन ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है. लेकिन, सिविल सर्जन डाॅ राजेंद्र प्रसाद सिन्हा के कार्यालय से जारी पत्र में ऐसा कुछ भी उल्लेख नहीं है. इस पत्र से लग रहा है कि एजेंसी को सीधे तौर पर काम जारी रखने का आदेश निर्गत किया गया है. इस पत्र में सिविल सर्जन ने स्पष्ट कर दिया है कि एजेंसी द्वारा दी जा रही जेनेरेटर सर्विस की जांच चल रही है.
एजेंसी के प्रोपराइटर रणविजय सिंह ने कहा कि उन्हें मौखिक रूप से आश्वासन मिला है कि कोषागार से पारित पैसों का भुगतान कर दिया जायेगा. श्री सिंह के मुताबिक मंगलवार को उन्हें साढ़े तीन लाख रुपये का चेक मिला है. उन्होंने कहा कि जब तक इन पैसों से काम चलता रहेगा, तब तक सेवाएं चालू रहेगी. उसके बाद फिर से वह काम बंद कर देंगे.
लाखों के बकाये पर बिगड़ी थी बात : आउटसोर्सिंग एजेंसी जयप्रकाश नारायण अस्पताल, प्रभावती अस्पताल, खिजरसराय पीएचसी, फतेहपुर पीएचसी, बोधगया सीएचसी व चेरकी एपीएचसी में जेनेरेटर सर्विस के साथ मरीजों को भोजन मुहैया कराने के साथ ही कपड़े की धुलाई व साफ-सफाई का काम भी देखती है. इन जगहों पर काम के एवज में एजेंसी को लंबे समय से भुगतान नहीं मिले होने की बात कही गयी है. एजेंसी के मुताबिक यह बकाया 45 लाख रुपये तक पहुंच गया है. भुगतान नहीं होने की वजह से ही एजेंसी बार-बार काम बंद कर देती है.
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