दरभंगाः क्रांति हिंसा से नहीं होगी. वह अध्यात्म से ही संभव है. जब लोगों में सबों को एक समान समझने की भावना विकसित होगी तभी समाज से दुराचार, भ्रष्टाचार और हिंसा खत्म होगी. द आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने ये बातें कहीं. श्री श्री इंद्रभवन मैदान में मंगलवार को आयोजित ज्ञान, ध्यान एवं भजन संध्या ‘आह्वान’ के मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि देश में स्थायी सरकार की आवश्यकता है तभी विकास का सपना पूरा होगा. विदेशों में जमा काला धन देश की साख पर काला धब्बा है. 1.4 ट्रिलियन डॉलर से अधिक विदेशों में जमा कालाधान अगर वापस आ जाये तो भारत फिर सोने की चिड़िया बन सकता है. बेतहाशा बढ़ती महंगाई, कन्या भ्रूण हत्या और महिलाओं पर बढ़ता अत्याचार देश के सामने मुख्य चुनौतियां हैं. इसके निदान के लिये समाज के सभी वर्ग को आगे आना होगा. राजनीति में स्वच्छ छवि के लोग आये इसके लिये राजनीतिक दलों और मतदाताओं को जागरूक होना होगा.
इससे पूर्व ओम नम: शिवाय के मंत्रोच्चर से अपना प्रवचन शुरू करते हुए श्री श्री ने कहा कि लोगों में एक दूसरे केप्रति खोया हुआ विश्वास पुनस्र्थापित करना होगा तभी समाज में शांति संभव है.समाज में अभी भी अच्छाई बची हुई है. इसके लिए सच्चे और ईमानदार लोगों को आगे आना होगा. ईश्वरीय शक्ति के प्रति विश्वास एक ऐसी शक्ति है जो हर संकट में लोगों को संबल प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि देव भक्ति और देशभक्ति एक समान है. जो ईश्वर की भक्ति करते हैं, उन्हें समाज की सेवा के लिए भी आगे आना होगा.
स्टेज पर पहुंचते ही श्री श्री का स्वागत मिथिला की परंपरा के अनुसार पाग, चादर और सीकी के बने प्रतीक चिह्न् से किया गया. प्रसिद्ध गायिका ममता ठाकुर ने ‘मंगलमय दिन आजु हे’ गाकर उनका स्वागत किया. लगभग दो घंटे से अधिक के अपने प्रवचन में श्री श्री ने लोगों को प्रसन्नतापूर्वक जीवन जीने की कला सिखायी. तनाव मुक्त रहने के लिए ध्यान व आसन बताये. मौके पर सांसद कीर्ति आजाद, महापौर गौरी पासवान, नगर विधायक संजय सरावगी, पूर्व जिप अध्यक्ष हरि सहनी सहित कई गण्यमान्य व्यक्ति व हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्त्री-पुरुष व बच्चे उपस्थित थे.