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शिक्षकों को मध्याह्न भोजन से मिल सकती है छुट्टी

दरभंगा : वर्ष 2017-18से प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के इनपुट ड्राफ्ट को अगर लागू किया जाता है तो शिक्षकों को मध्याह्न भोजन से छुट्टी मिल सकती है. इस जिम्मेवारी को महिला स्वयं सहायता समूह को दिया जा सकता है. भोजन बनाने की केंद्रीयकृत प्रणाली होगी. इकसे अलावा आंगनबाड़ी केंद्र को प्री-प्राइमरी स्कूल में बदलना, इसे […]

दरभंगा : वर्ष 2017-18से प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के इनपुट ड्राफ्ट को अगर लागू किया जाता है तो शिक्षकों को मध्याह्न भोजन से छुट्टी मिल सकती है. इस जिम्मेवारी को महिला स्वयं सहायता समूह को दिया जा सकता है. भोजन बनाने की केंद्रीयकृत प्रणाली होगी. इकसे अलावा आंगनबाड़ी केंद्र को प्री-प्राइमरी स्कूल में बदलना,

इसे प्राइमरी स्कूलों के साथ संलग्न करना तथा इसी कैंपस में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिये जा सकते हैं. बताया जा रहा है कि नई शिक्षा नीति का रूट लेवल से जो इनपुट लिया गया है, उसमें कक्षा पांच तक नो डिटेंशन,आरटीइ का दायरा कक्षा 12 तक तथा विज्ञान, गणित एवं अंग्रेजी का समान राष्ट्रीय पाठ‍्यक्रम रखने का प्रस्ताव दिया गया है. प्रस्ताव में कक्षा छह से विज्ञान की प्रयोगशाला,

कक्षा 10 एवं 12वीं बोर्ड की परीक्षा की अनिवार्यता को शामिल किया गया है. आइसीटी शिक्षण का विस्तार, विद्यालय के कार्यों का ऑनलाइन मॉनिटरिंग, शिक्षकों की भर्ती में पारदर्शिता एवं अलग भर्ती आयोग का गठन का प्रस्ताव इनपुट ड्राफ्ट में शामिल होने की बात कही जा रही है. केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए जिला एवं प्रखंडों से खुले अधिवेशन के माध्यम से प्रस्ताव आमंत्रित किया था. इसको लेकर प्रखंड एवं जिला स्तर पर शिक्षाविद, शिक्षा अधिकारियों, शिक्षकों तथा जनप्रतिनिधियों की बैठकें हुई थी. इसमें राज्य के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे. इस तरह का आयोजन सभी जिलों में किया गया था. इसी आधार पर राज्य स्तर से प्रस्ताव केंद्र को दिया गया था. सभी राज्यों से प्राप्त प्रस्ताव पर केंद्र ने इनपुट ड्राफ्ट तैयार कराया है.

केंद्र ने तैयार कराया नयी शिक्षा नीति के इनपुट ड्राफ्ट
आंगनबाड़ी का प्री-प्राइमरी में अपग्रेड
पांच साल पर होगी शिक्षकों की परीक्षा
कक्षा पांच तक नो डिटेंशन
कक्षा छह से प्रयोगशाला
नयी शिक्षा नीति के इनपुट ड्राफ्ट के बिंदु
हर पांच साल में शिक्षकों की परीक्षा
राष्ट्रीय पुरस्कारों का विस्तार जिला स्तर तक
कक्षा पांच तक की मातृभाषा में स्थानीय व क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग
नये शिक्षण संस्थान खोलने के बजाय पुराने शिक्षण संस्थान को मजबूत करने पर ध्यान
राष्ट्रीय स्तर पर टीचर एडुकेशन विश्वविद्यालय की स्थापना
सभी रिक्त पदों पर नियोजन व एचएम को लीडरशिप ट्रेनिंग
विज्ञान, गणित व अंग्रेजी के समान पाठ‍्यक्रम
कक्षा पांच तक नो डिटेंशन
आरटीइ का विस्तार 12वीं कक्षा तक
कक्षा छह से प्रयोगशाला की व्यवस्था

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