हाल डीएससीएच के गायनी विभाग का
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मरीज का खाना खा गये आवारा जानवर
हाल डीएससीएच के गायनी विभाग का दरभंगा : उत्तर बिहार का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान डीएमसीएच का गायनी विभाग बदहाल स्थिति में है. विभाग की जमीनी हकीकत की पड़ताल करने के लिए जब प्रभात खबर की टीम शुक्रवार को पहुंची तो स्थिति कुछ इस तरह नजर आयी. पूर्वाह्न 10.30 बजे. रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मरीज व […]
दरभंगा : उत्तर बिहार का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान डीएमसीएच का गायनी विभाग बदहाल स्थिति में है. विभाग की जमीनी हकीकत की पड़ताल करने के लिए जब प्रभात खबर की टीम शुक्रवार को पहुंची तो स्थिति कुछ इस तरह नजर आयी. पूर्वाह्न 10.30 बजे. रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मरीज व उनके परिजनों की भारी भीड़ लगी है. सौ से अधिक लोग कतार में खड़े हैं. रजिस्ट्रेशन कराने के बाद मरीजों को चिकित्सक के कक्ष में भेजा जा रहा है. वहां गंभीर स्थिति मरीजों को देख चिकित्सक परामर्श के बाद भर्ती के लिए ट्रॉली मैन को निर्देश दे वार्डों में भेज रहे हैं.
रजिस्ट्रेशन काउंटर से आगे बढ़ने पर गंभीर स्थिति में एक महिला फर्श पर लेटी हुई है. वह दर्द से कराह रही है. अगल-बगल बैठी मरीज के परिजन उसे सांत्वना दे रही है. साथ ही वहां से गुजरनेवालों को अस्पताल का कर्मी समझ शीघ्र इलाज शुरू करने की गुहार भी लगा रही है. इसी बीच एक कर्मी वहां से गुजरता है, लेकिन लगा ही नहीं कि उसने कान में महिला की पीड़ा पहुंची भी.
वह अनसुनाकर सीधे आगे बढ़ जाता है. इससे चंद कदम आगे बढ़ने पर कदम खुद-ब-खुद रुक जाते हैं. वार्ड के सामने के बरामदे पर एक आवारा पशु नजर आता है. बरामदा के नीचे पशुओं की फौज दिखती है. लगता है मानो यह अस्पताल नहीं मवेशी खाना है. बरामदे पर मरीज के साथ उनके परिजन लेटे हैं. वहीं बगल में आवारा पशु भी आराम फरमा रहा है.
चंद कदम आगे बढ़ने पर एसोसिएट प्रोफेसर का चेंबर मिलता है, यह बंद है. इसके बगल में शिशु एवं बाल्य आहार पोषण परामर्श केंद्र के दरवाजे पर ताला झूल रहा है. इसके बगलवाले कमरे में ऑफिस का साइन बोर्ड लटका नजर आ रहा है, लेकिन इस दरवाजे पर भी ताला लटक रहा है. एक चिकित्सक का चेंबर नजर आता है. जानकारी के लिए टीम वहां पहुंचती है तो उनका चेंबर भी बंद मिलता है. गेट के सामने पहरेदार की तरह एक बकरी खड़ी मिलती है. आगे बढ़ने पर वार्ड कैंपस नजर आता है.
यहां मरीज के परिजन बरतन आदि साफ कर रहे हैं. वहीं इनके साथ-साथ आवारा पशु भी बहुतायत में टहलते नजर आ रहे हैं. इसी बीच एक मरीज के परिजन का शोर कान में पड़ता है. पलटकर देखने पर पता चलता है कि एक आवारा पशु ने उनके खाने में मुंह डाल दिया है. वार्ड के फर्श पर जगह-जगह महिला रोगी लेटी मिलीं. वार्ड में बेड पर कुछ रोगी पड़े हैं. बेड का हाल बुरा है. जगह-जगह गद्दे फटे हैं. कई बेड से गद्दा पूरी तरह से गायब है. चादर कापता नहीं है.
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