दरभंगाः मकर संक्रांति की तिथि को लेकर चल रहे ऊहापोह के बीच ज्योतिषविदों व धर्मशास्त्रियों ने कहा कि इस वर्ष इसका शुभ मुहूर्त 14 जनवरी को ही है. दोपहर के बाद सूर्यास्त से पूर्व तक पुण्यकाल रहेगा. इसमें किसी तरह की असमंजस की स्थिति नहीं है.
उल्लेखनीय है कि अधिकांश समय 14 जनवरी को मकर संक्रांति होता है. किसी-किसी वर्ष तिथि को लेकर 15 जनवरी को भी इसका मुहूर्त होता है. इसलिए लोगों में यह भ्रम होता है कि मकर संक्रांति की तिथि 14 जनवरी है. हकीकत में ऐसा है नहीं. इस वर्ष कई लोग 15 जनवरी को इसका मुहूर्त बता रहे हैं. लेकिन मिथिला के मूर्धन्य विद्वानों की राय में मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही होगा.
राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात मूर्धन्य ज्योतिषी पंडित कालीकांत मिश्र का कहना है कि मिथिला के पूर्व वाचस्पति रूद्रधर, महेश ठाकुर आदि मनीषियों का स्पष्ट निर्णय है कि सामान्य संक्रांति की तरह मकर संक्रांति 12 बजे रात्रि से पूर्व होने पर उसी दिन दोपहर 12 बजे से सूर्यास्त पूर्व तक पुण्यकाल होता है. मिथिला की यही परंपरा भी रही है. इस वर्ष 14 जनवरी की रात्रि 12 बजे से पूर्व संध्याकाल 6 बजकर 36 मिनट पर संक्रमण होगा. इसलिए निर्विवाद रूप से मकर संक्रांति का पुण्यकाल 14 जनवरी के दिन 12 बजे के बाद से सूर्यास्त पूर्व तक रहेगा. इस अवधि में दान आदि कर्म उत्तम होगा. पंडित झा के अनुसार वृद्धगाग्र्य मिथिला में आदिकाल से ही अमान्य रहा है.
दूसरी ओर इस मुद्दे पर स्नातकोत्तर विभाग में संस्कृत विवि के विद्वानों के बैठक में भी गहन विचार मंथन हुआ. डॉ शशिनाथ झा, डॉ बौआनंद झा, डॉ दयानाथ झा, डॉ विद्येश्वर झा आदि ने शास्त्रसम्मत तर्क की कसौटी पर 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति खरा पाया. साथ ही मिथिलावासियों से इसी तिथि को पर्व मनाने की अपील की.