दरभंगा : राज्य सरकार ने सात वर्ष पूर्व भीगो में मुक्तिधाम निर्माण की स्वीकृति दी थी तो लोगों को लगा था कि कुछ महीनों बाद उन्हें भीगो में जाने पर वर्षा-धूप से निजात मिल जायेगी. यहां तक आनेवाली सड़क का भी कायाकल्प हो जायेगा. करीब 50 लाख की लागत से मुक्तिधाम का निर्माण भी कराया गया लेकिन बनने के पांच वर्ष बाद भी निर्माण एजेंसी ने उसका हस्तांतरण नहीं किया है. ऐसी स्थिति में बिना उद्घाटन के ही मुक्तिधाम खंडहर में तब्दील हो गया है.
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उद्घाटन से पूर्व ही मुक्तिधाम जर्जर
दरभंगा : राज्य सरकार ने सात वर्ष पूर्व भीगो में मुक्तिधाम निर्माण की स्वीकृति दी थी तो लोगों को लगा था कि कुछ महीनों बाद उन्हें भीगो में जाने पर वर्षा-धूप से निजात मिल जायेगी. यहां तक आनेवाली सड़क का भी कायाकल्प हो जायेगा. करीब 50 लाख की लागत से मुक्तिधाम का निर्माण भी कराया […]
नगर विधायक संजय सरावगी, तत्कालीन मेयर अजय पासवान एवं जिला बीस सूत्री के सदस्य जगदीश साह की उपस्थिति में गत 6 दिसंबर 2009 को भीगो में मुक्तिधाम का शिलान्यास हुआ था. वहां चिता के अंतिम संस्कार के लिए बड़ा प्लेटफार्म, लोगों के बैठने के लिए प्रतीक्षालय, शेड तथा वहां श्मशान में उपयोग होने वाले सामग्रियों की बिक्री के लिए तीन काउंटर भी बनाये गये थे.
इस निर्माण कार्य की जिम्मेवारी विभाग ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) को दी. पीएचइडी के कार्यकारी एजेंसी ने वर्ष 2011 में इसका निर्माण कार्य पूरा कर दिया. प्लेटफार्म के अलावा परिसर में दो शौचालय, तीन मूत्रालय का भी निर्माण कराया गया था. लेकिन पांच वर्षों से इसका उपयोग नहीं होने के कारण प्लेटफार्म पर गंदगी का अंबार है. शौचालय-मूत्रालय की स्थिति भी बदतर है. परिसर के दो चापाकलोें में एक चापाकल खराब है. सूत्रों के अनुसार उस परिसर में सोलर लाइट से बिजली की व्यवस्था करनी थी लेकिन अबतक कुछ भी नहीं हो सका है. दूसरी ओर मुख्य सड़क से भीगो श्मशान तक जानेवाली सड़क अबतक वैसी ही कच्ची है. फलत: उस कीचड़-पानी युक्त सड़क से ही लोगों को गुजरना पड़ता है. अधिकांश लोग इसी श्मशान में अंतिम शवयात्रा में ले जाते हैं.
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