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नये साल में सुपौल को मिलेगा नगर परिषद का दर्जा!

नये साल में सुपौल को मिलेगा नगर परिषद का दर्जा! नगर परिषद का दर्जा दिलाने को लेकर कवायद शुरूनगर विकास एवं आवास मंत्री ने दिलाया भरोसाबिरौल. अनुमंडल मुख्यालय के सुपौल बाजार को नये साल में नगर परिषद के रूप में दर्जा मिल सकता है. इसको लेकर सरकारी स्तर पर भी कार्रवाई शुरू हो गयी है. […]

नये साल में सुपौल को मिलेगा नगर परिषद का दर्जा! नगर परिषद का दर्जा दिलाने को लेकर कवायद शुरूनगर विकास एवं आवास मंत्री ने दिलाया भरोसाबिरौल. अनुमंडल मुख्यालय के सुपौल बाजार को नये साल में नगर परिषद के रूप में दर्जा मिल सकता है. इसको लेकर सरकारी स्तर पर भी कार्रवाई शुरू हो गयी है. वहीं राजनीतिक स्तर पर भी इसको लेकर प्रयास तेज हो गये हैं. विकास से वंचित अनुमंडल मुख्यालय की वर्तमान स्थिति यह है कि अभी तक इसे नगर पंचायत का दर्जा भी नहीं दिया गया. जबकि सुपौल काफी पुराना बाजार है. काफी संख्या में लोग यहां पर व्यावसायिक दृष्टिकोण से आते-जाते रहते हैं. प्रखंड एवं अनुमंडल मुख्यालय होने के कारण वैसे भी इसकी महत्ता ज्यादा है. अब तो बिरौल में व्यवहार न्यायालय भी हो गया है. ऐसे में इसे नगर परिषद का दर्जा देकर सुपौल बाजार सहित आसपास के क्षेत्र को विकसित किये जाने की दिशा में कदम उठने लगे हैं.प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिरौल के सुपौल बाजार को नगर परिषद का दर्जा दिये जाने को लेकर पहले से ही प्रस्ताव सरकार के पास लंबित है. बाजार एवं आसपास के करीब पांच पंचायत की अधिकांश आबादी व्यवसाय पर ही निर्भर है. व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी सुपौल बाजार अब काफी समृद्ध हो गया है. ऐसे में इसे नगर परिषद का दर्जा देकर सड़क, बिजली, पानी, नाला आदि के साथ साथ साफ सफाई की व्यवस्था की ठोस व्यवस्था किया जाना जरूरी हो गया है. स्थानीय पूर्व विधायक डा. इजहार अहमद ने बताया कि सुपौल सहित अफजला, उछटी, अकबरपुर बैक एवं बिरौल पंचायत को मिलाकर नगर परिषद बनाये जाने की मांग उन्होंने नगर विकास एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी से मिलकर की है. श्री हजारी ने भरोसा दिलाया है कि नये साल में बिरौल को नगर परिषद का दर्जा देकर वहां के लोगों को तोहफा दिया जायेगा. फंड के अभाव में गंदगी के ढेर पर बसा है सुपौल बाजारवर्तमान में सुपौल बाजार गंदगी के ढेर पर बसा हुआ है. फंड के अभाव में इसकी साफ सफाई समेत अन्य कार्य पूरी तरह प्रभावित हुए हैं. जिससे यहां के लोगों की परेशानी काफी ज्यादा है. ऐसा नहीं है कि यहां के लोग साफ सफाई समेत अन्य चीजों पर खर्च नहीं करना चाहते हैं. परंतु इसकी सुदृढ़ व्यवस्था नहीं होने की वजह से उन्हें यह सुविधा नहीं मिल पाती है. यदि नगर परिषद बन जाता है तो यहां के लोग टैक्स देकर अपनी सुविधाओं को लेेने में भी पीछे नहीं रहेंगे. बता दें कि वर्तमान नगर एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी पूर्व में यहां के सांसद भी रहे हैं. उन्हें यहां के लोगों की पीड़ा एवं कठिनाई को भान है. उनके मंत्री बनने के बाद यहां के लोगों में उम्मीद जगी है कि लंबे अरसे नगर परिषद का दर्जा प्राप्त करने के लिए अकुलाहट यहां के नागरिकों में है उसे शांत कराने की दिशा में सफल होंगे. मंत्री भी सुपौल को मॉडल बाजार का रूप देने की कर चुके हैं घोषणाखाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मंत्री मदन सहनी तो पहले से ही सुपौल को मॉडल बाजार के रूप में प्रस्तुत करने को लेकर खाका तैयार कर रखा है. उन्होंने चुनाव के दौरान भी लोगों को भरोसा दिलाया था कि यदि वे यहां से जीतते हैं तो सुपौल बाजार को नगर परिषद का दर्जा दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठायेंगे. संयोग से वे यहां से जीते भी और सरकार में मंत्री भी बनाये गये हैं. ऐसे में उनसे भी यहां के लोगों में काफी उम्मीद है कि नगर परिषद का दर्जा दिलाकर यहां के लोगों से किये गये वादे को पूरा करने की दिशा में उचित कदम उठायेंगे.

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