दरभंगा : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के दरबार हॉल में चल रहे दो दिवसीय राज्यस्तरीय शास्त्रीय स्पर्धा 2015-16 के अंतिम दिन शनिवार को समापन समारोह पर कार्यक्रम आयोजित किये गये.बतौर मुख्य अतिथि डा.गोविन्द झा ने प्रतिस्पर्धा में बिहार एवं झारखंड की ओर से भाग लेने वाले प्रतिभागियों एवं उपस्थित विद्वानों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में आगे बढने के लिए यह जरुरी है.
जब तक आपके मानस पटल पर स्पर्धा की प्रवृति नही होगी तो आपक विकास अवरुद्ध हो जायेगा. इसके लिए इस तरह का आयोजन सहायक सिद्ध होता है.
उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि इन उत्साही प्रतिभागियों के माध्यम से संस्कृत का अभ्युत्थान होना निश्चित है. इसी क्रम में उन्होंने उन महाविद्यालयों एवं पीजी विभागों के शिक्षकों को भी धन्यवाद ज्ञापित किया जिन्होंने अपने छात्रों के माध्यम से विवि का गौरव बढाया है.
वहीं उन्होंने इस विवि को केन्द्रीय विवि बनाने की तैयारी में जुटे वर्तमान कुलपति को सहयोग पहंुचाने का भी आहृवान किया. अध्यक्ष छात्र कल्यानाध्याक्ष डा. सुरेश्वर झा ने आयोजित स्पर्धा में प्रतिभागियों की संख्या में आयी बढोतरी पर प्रसन्नता व्यक्त की. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डा. देवनारायण झा ने मिथिला भूमि को विद्या भूमि के रुप में स्मरण कराते हुए विभिन्न शास्त्रों में पुन : अभिग्राहन कराने का आहृवान किया. उन्होंने प्रतियोगिता में सफल हुए छात्रों को जीवन में आगे बढने का आर्शीवाद दिया. उत्तीर्ण प्रतिभागियों को कुलपति के हाथों प्रमाण पत्र दिया गया.
कार्यक्रम का संचालन डा. शशिनाथ झा तथा धन्यवाद ज्ञापन परीक्षा नियंत्रक डा. बौआनंद झा ने किया. प्रमाण पत्र पाने वाले 28 विजेता प्रतिभागियों में दीपक कुमार चौधरी, विभव कुमार झा, राखी कुमारी, गौतम कुमार मिश्र, गौरव कुमार झा, दीपक कुमार झा, रीतेश कुमार, राखी कुमारी, आशुतोष कुमार चौधरी, रामचंद्र झा, अंशु कुमारी, कृष्ण कुमार झा, विनय कुमार झा, नंदनी कुमारी, दीपक चौधरी, धीरज कुमार चौधरी, राखी कुमारी, रघु कुमार झा, अशोक कुमार झा आदि के नाम शामिल हैं.