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अनाज उठाव की व्यवस्था चरमरायी, अब शुरू हुआ उठाव

अनाज उठाव की व्यवस्था चरमरायी, अब शुरू हुआ उठावफोटो : गोदाम प्रबंधक व गुरुवार को नवंबर का पहला उठाव करते डीलर.प्रतिनिधि, बिरौल अनुमंडल के एसएफसी की व्यवस्था चरमरा गई है. माह के अंतिम सप्ताह के गुरुवार से खाद्यान्न का उठाव शुरू हुआ है. पीडीएस की दुकान पर जाते-जाते यह अनाज दिसंबर तक पहुंचेगी. इससे प्रशासनिक […]

अनाज उठाव की व्यवस्था चरमरायी, अब शुरू हुआ उठावफोटो : गोदाम प्रबंधक व गुरुवार को नवंबर का पहला उठाव करते डीलर.प्रतिनिधि, बिरौल अनुमंडल के एसएफसी की व्यवस्था चरमरा गई है. माह के अंतिम सप्ताह के गुरुवार से खाद्यान्न का उठाव शुरू हुआ है. पीडीएस की दुकान पर जाते-जाते यह अनाज दिसंबर तक पहुंचेगी. इससे प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है. मालूम हो कि बिरौल और गौड़ाबौराम प्र्रखंड के जनवितरण प्रणाली का खाद्यान्न बिरौल एसएफसी गोदाम से उठाव होता है. नवंबर माह का उठाव करीब बीस दिनों से नहीं हुआ. जबकि गोदाम में अनाज पड़ा हुआ है. विभागीय कर्मी के मुताबिक जनवितरण प्रणाली की दुकानों तक माल ढुलायी के लिये किये गये ट्रैक्टर अनुबंध समय पर पैसे नहीं मिलने के कारण करीब 8 ट्रैक्टर संचालक ने अपना एग्रीमेंट वापस कर लिया है.अब विभाग के पास कुल पांच ही ट्रैक्टर बचे हैं. इसी ट्रैक्टर से कछुए की गति में माल ढुलाई होती है. इससे परेशानी हो रही है. जिला प्रशासन से लेकर अनुमंडल प्रशासन अगर इस पर संज्ञान नहीं लिया तो एसएफसी से ससमय गरीबों को अनाज मिलना काफी कठिन हो जायेगा.बता दें कि कि अनुमंडल के बिरौल और गौड़ाबौराम प्रखंड में नवंबर माह का अंत्योदय और अन्नपूर्णा मद का खाद्यान्न कुल 13 हजार 8सौ क्विंटल का लक्ष्य है. इसमें मात्र 5 सौ क्विंटल का खाद्यान्न अब तक जनवितरण प्रणाली को दिया गया है. शेष खाद्यान्न कब तक जनवितरण प्रणाली की दुकानों तक पहुंचेगा इसकी जानकारी एसएफसी प्रबंधक को नहीं है. गुरुवार को बिरौल के तीन जनवितरण प्रणाली और गौड़ाबौराम प्रखंड स्थित बौड़ाम के एक जनवितरण प्रणाली के डीलर को खाद्यान्न दिया गया. जबकि गोदाम में अनाज का भंडारण काफी है. कई ट्रैक्टर संचालकों से पूछने पर बताया गया कि भुगतान लेने में पांच माह इंतजार करना पड़ता है. इसके चक्कर में ट्रैक्टर का किस्त भी ससमय चुकता नहीं हो पाता है. इससे अच्छा समझें कि किसानों के खेत जोतकर अपने और परिवार का जीविकोपार्जन करें.बोले अधिकारी :::::::::: तीन माह ही चार्ज लिये हुआ है. धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो जायेगा. नवंबर क अनाज उठाव में देरी हो रही है. ऐसा पर्व के कारण हुआ है. साथ ही ट्रैक्टर का अभाव है. इसके लिये जिला स्तर पर आयोजित बैठक में आवाज उठायी गयी है.अरुण कुमार लाल, गोदाम प्रबंधक, बिरौल इनसेट में :::::::::बगैर वजन के दिया जाता है अनाज बिरौल: बिना वजन के ही जनवितरण प्रणाली के डीलरों को खाद्यान्न दिया जा रहा है. जबकि नियम है कि खाद्यान्न के बोराें का वजन करते हुए जनवितरण जनवितरण दुकान को दें. जब इस संबंध में एसएफसी प्रबंधक ने बताया कि अनाज वजन करने में काफी परेशानी होती है. ऊपर से 50 किलो का बोरा आते है.कभी-कभी ट्रक से आये कुल खाद्यान्न में से 15-20 बोरे का वजन कर लिया जाता है. इसी से कुल बोरों का अंदाजा लगा लिया जाता है.

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