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डीएमसीएच में ऑनलाइन इलाज की व्यवस्था शुरू

डीएमसीएच में ऑनलाइन इलाज की व्यवस्था शुरू फोटो::::::1परिचय : /इदेश का 14 वां राज्य है बिहार, जहां ऑनलाइन चिकित्सा की हुई व्यवस्थासूबे का पहला एसएनसीयू ऑनलाइन साफ्टवेयर डीएमसीएच में शुरूअस्पताल का शिशु रोग वार्ड बना मॉडलप्रतिनिधि, दरभंगा सूबे का पहला स्पेशल न्यूनेटन केयर यूनिट (एसएनसीयू) डीएमसीएच में खुल गया है. इसके खुल जाने से बिहार […]

डीएमसीएच में ऑनलाइन इलाज की व्यवस्था शुरू फोटो::::::1परिचय : /इदेश का 14 वां राज्य है बिहार, जहां ऑनलाइन चिकित्सा की हुई व्यवस्थासूबे का पहला एसएनसीयू ऑनलाइन साफ्टवेयर डीएमसीएच में शुरूअस्पताल का शिशु रोग वार्ड बना मॉडलप्रतिनिधि, दरभंगा सूबे का पहला स्पेशल न्यूनेटन केयर यूनिट (एसएनसीयू) डीएमसीएच में खुल गया है. इसके खुल जाने से बिहार देश का 14 वां राज्य बन गया है, जहां नवजात शिशुओं के उपचार पर ऑनलाइन निगरानी रखने के लिए सरकार ने यह व्यवस्था की है. इस व्यवस्था से यहां मरीजों के भर्ती होते ही डॉक्टरों से लेकर पारा मेडिकल कर्मियों की गतिविधियों की जानकारी ऑनलाइन संबंधित अधिकारी और चिकित्सक देख सकेंगें. मरीजों के इलाज में हो रही कोताही, मरीजों के दवाओं के फॉलोअप, रेडियोलॉजिकल व पैथोलॉजिकल समेत अन्य बातों की जानकरी ऑनलाइन दर्ज होती रहेगी. डॉक्टरों व कर्मियों को मरीजों के उपचार को लेकर एक दूसरे पर आरोप थोपने का यह बहाना नहीं चलेगा. डॉक्टरों और पारा मेडिकल कर्मियों के हरेक जिम्मेवारी ऑनलाइन दर्ज होती रहेगी. किन डॉक्टरों व पा रामेडिकल कर्मियों के कारण मरीजों का इलाज बाधित हुआ इसको लेकर माथापच्ची अधिकारियों को नहीं करनी पड़ेगी. एक झटके में लापरवाही के कारण सार्वजनिक हो जायेंगे. ऐसे काम करेगा यह सिस्टम सरकार ने इसके लिए एसएनसीयू में 24 घंटे डाटा ऑपरेटर की तैनाती कर दी है. मरीजों के भर्ती होने के साथ ही डाटा ऑपरेटर ऑन हो जायेंगे. मरीज कितने बजे भर्ती हुआ. डॉक्टर मरीजों के बीएचटी पर इलाज को लेकर क्या सलाह दी है. डॉक्टरों की सलाह पर पारा मेडिकल कर्मी मरीजों को फालोअप किया या नहीं. मरीजों को किस हाल में और किस रोग के कारण भर्ती कराया गया है. उसकी हालत में सुधार हो रही है या नही. यह सब मिनट टू मिनट की जानकारी ऑनलाइन होती रहेगी. इसमें डॉक्टरों के राउन्ड पेपर, नर्स के ऑडर शीट, मॉनिटरिंग और मरीजों से जुड़े हरेक गतिविधियों की जानकारी दर्ज होगी. डॉक्टरों के परामर्श पर जब मरीज स्वस्थ होकर घर लौटेंगे तो उन्हें उपचार का सारा रिकार्ड परिजनों को सौप दिया जायेगा. इस रिकार्ड पर डॉक्टरों का मरीजों को डीएमसीएच में 8 वां दिन, एक माह, 3 माह, 6 माह और एक साल पर आने का सलाह दर्ज रहेगा.समय पर नहीं आने पर होगी खोजबीनडीएमसीएच से छुट्टी के बाद डॉक्टरों के सलाह पर तय समय पर नहीं आने पर मरीजों की खोजबीन शुरू हो जायेगी. डॉक्टरों की सलाह पर तय समय पर आना अनिवार्य होगा और हरेक तय दिन पर डीएसीएच में मरीजों की गहन जांच पड़ताल होगी. परिजनों से लिए गये मोबाइल नम्बर पर फोन कर खोजबीन शुरू कर दी जायेगी. इसपर भी मरीजों को लेकर परिजन नहीं आए तो वहां के सरकारी अस्पताल कर्मियों से पता लगवाया जायेगा. इस प्रक्रिया से मरीजों को आगे कोई भी परेशानी नहीं होगी.बगैर कोई समारोह के हुआ शुभारंभ इसे शुरू करने के लिए कोई समारोह आयोजित नहीं हो पाया था. इस प्रक्रिया को एक अक्टूबर को चालू कर दिया गया . इसके पूर्व 30 सितम्बर को एचओडी चैम्बर में एचओडी डॉ. केएन मिश्रा ने एसएनसयू के डॉक्टरों को ऑनलाइन से जुड़े सभी कागजात उपलब्ध करा दिये थे.प्रशिक्षित हुए डॉक्टर व पारा मेडिकल कर्मीऐसे ऑनलाइन को चालू करने के लिए 28 सितम्बर को पटना में आयोजित चार दिवसीय कार्यशाला में शिशु रोग विभाग के डॉक्टर व कर्मियों को भेजा गया था. इसमें इस ऑनलाइन के नोडल आफिसर डॉ. ओम प्रकाश, सिस्टर इंचार्ज अनीता देवी और डटा ऑपरेटर रमेश कुमार शामिल थे. एचओडी डॉ. केएन मिश्रा ने बताया कि इस प्रक्रिया से मरीजों के इलाज का हर क्षण मॉनिटरिंग होती है. इससे मरीजों के इलाज में पारदर्शिता रहेगी. इसमें किसी को कोई शिकायत नहीं मिलेगी. यह सुविधाएं मरीजों के लिए है.

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