झंझारपुर : अनुमंडल क्षेत्र में दर्जनों सड़क बनी, लेकिन अब तक गंगापुर गांव जाने वाली सड़क नहीं बन सकी. जबकि पूर्व सांसद के द्वारा इस सड़क के निर्माण की अनुशंसा की गयी थी.
गांव की जर्जर सड़क गंगापुर ग्रामीणों का मुंह चिढ़ा रही है. इसको देख कर एक कहावत चरितार्थ हो रही है, देश बदली गांव कसवे बदला नहीं बदल सकी तो गंगापुर गांव की तस्वीर. विभाग अपना पल्ला झाड़ सर्वे व टेंडर करा करा कर ग्रामीणों का मुंह बंद कर रखा है.
विभाग ने ग्रामीणों को शांत करने के लिए एक बार नहीं तीन -तीन बार कोलकाता की कंपनी द्वारा सड़क का सर्वे कराया. इसके विभाग द्वारा दो-दो बार टेंडर भी किया जा चुका है. इससे ग्रामीणों को लगा कि कुछ ही दिनों में सड़क का निर्माण शुरू हो जायेगा, लेकिन कुछ ही दिनों में इन लोगों का तसल्ली सपने में बदल जाता है.
ग्रामीण चंदन कुमार कर्ण बताते हैं कि विभागीय पेच के कारण ग्रामीण जर्जर सड़क पर चलने को विवश हैं. जबकि इसकी लिखित शिकायत केंद्र सरकार के तत्कालीन ग्रामीण कार्य मंत्री से भी की है.
इनको बताया गया कि पीएमआरवाई सड़क एल-036 से टी-2 गंगापुर जाने वाली सड़क जो सांसद द्वारा अनुशंसा हुआ. 11 अक्टूबर 2013 को समाचार पत्र में प्रकाशित भी हुआ. इसका टेंडर अभी तक दो बार हो चुका है. पहली बार दिल्ली की कंपनी एसपी कंस्ट्रक्शन कंपनी को टेंडर मिला. वहीं,
दूसरी बार अनुमंडल अंतर्गत हररी गांव के किसी कंस्ट्रशन कंपनी को टेंडर मिला. दोबारा टेंडर किये जाने से नाराज एसपी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने हाइकोर्ट में अपील कर दी. विडंबना देखिए गंगापुर पंचायत से तीन-तीन प्रमुख बन प्रखंड का नाम रोशन कर चुके हैं. कार्यपालक अभियंता कौश्नेंद्र कुमार ने बताया कि हाइकोर्ट में केस चलने के कारण निर्माण चालू नहीं हो सका है.