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डीएमसीएच में डेंगू के और सात मरीज हुए भरती
दरभंगा : डीएमसीएच में डेंगू के संदिग्ध मरीजों के भर्ती होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले पा रहा है. मेडिसीन वार्ड में बुधवार को डेंगू के सात और मरीजों को भर्ती कराया गया. इसके साथ ही इस वार्ड में कुल 17 मरीज इलाजरत हैं. ये हैं नये मरीज डेंगू के संदिग्ध मरीजों में […]
दरभंगा : डीएमसीएच में डेंगू के संदिग्ध मरीजों के भर्ती होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले पा रहा है. मेडिसीन वार्ड में बुधवार को डेंगू के सात और मरीजों को भर्ती कराया गया. इसके साथ ही इस वार्ड में कुल 17 मरीज इलाजरत हैं.
ये हैं नये मरीज
डेंगू के संदिग्ध मरीजों में इसी जिला के जमालपुर गांव निवासी सनाउल्ला, बहेड़ी के हावीडीह गांव निवासी ललित साह, मनीगाछी के जगदीशपुर गांव निवासी नरेश राम और सिंहवाड़ा के मबूती गांव निवासी सोहन यादव, मधुबनी जिला के बेनीपट्टी गांव निवासी मो इकबाल, मधेपुर गांव निवासी राजकुमार यादव और अरडि़या गांव निवासी मो मुस्क शामिल हैं.
एक सप्ताह से इलाजरत 10 मरीज
डेंगू वार्ड में करीब एक सप्ताह से डेंगू के संदिग्ध 6 मरीज भर्ती हैं. जबकि चार डेंगू के पुष्टि मरीज यहां इलाजरत हैं. ये सभी मरीज डेंगू के दोनों वार्ड में भर्ती हैं.
डेंगू के संदिग्ध मरीज
इसी जिला के बरहेता गांव निवासी राहुल कुमार, बहेड़ी जोरजा गांव निवासी मो सहमद, सदर के भालपट्टी गांव निवासी कमलेश पासवान, जाले के मो इकबाल व रत्नोपट्टी मुहल्ला निवासी गौरव कुमार शामिल हैं. डीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के लेबोरेटरी में संदिग्ध मरीजों के खून के नमूने की जांच रिपोर्ट में डेंगू पॉजिटिव की पुष्टि हुई है.
इसमें टेकटार गांव निवासी नईम अख्तर, जाले ढरिया गांव निवासी मनोज भंडारी, मधुबनी जिला के झंझारपुर निवासी रामदेव साह और बाकरगंज मुहल्ला निवासी अभिषेक कुमार शामिल हैं. ये सभी मरीज भी डेंगू वार्ड में भर्ती हैं.
चार मरीजों की हुई छुट्टी
एक सप्ताह से इलाजरत डेंगू के संदिग्ध व डेंगू के चार मरीजों को आज शाम इलाज के बाद छुट्टी दे दी गयी. इसमें गौरव कुमार, अभिषेक कुमार, पवन साह और राहुल कुमार शामिल है. सीएस कार्यालय की ओर से डेंगू मरीजों के चिन्हित गांवों में फॉगिंग कराने का आदेश जारी है.
जोगार तकनीक से यह फॉगिंक मशीन गांवों में चल रहा है. अभीतक चार गांवों में फॉगिंग शुरू हुआ. इस दौरान यह मशीन कई बार खराब हुआ और जोगार तकनीक से मशीन ठीक हुआ. सवाल इतना ही नहीं है, दो साल पुराना बैट्री को तीन से चार घंटा चार्ज करता है तब फॉगिंग मशीन से फॉगिंग शुरू हो पाता है. इस तीन मशीन को चलाने के लिए एक भी कर्मी नहीं है. 6 कालाकार तकनीक पर्यवेक्षक इन तीनों मशीनों से फॉगिंग करते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
मेडिसीन विभाग के अध्यक्ष प्रो डॉ बीके सिंह ने बताया कि जिन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है, वैसे मरीजों के स्वस्थ होने के बाद ही अस्पताल से छुट्टी दी जाती है. उधर डेंगू के संदिग्ध मरीजों के बेहतर इलाज के बाद छुट्टी दी गयी है.
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