/रनाव बना आवागमन का इकलौता साधन गौड़ाबौराम . प्रखंड क्षेत्र के कमला बलान नदी में बाढ़ का पानी उफान पर है. वहीं बाढ़ का पानी अचानक आने से बौराम पंचायत के मुसहरी टोल, गोड़ामानसिंह पंचायत के रही एवं चतरा टोला गांव में बाढ़ के पानी से बुरी तरह घिर गया है. वहीं कई जगहों पर सड़क टूट जाने से आवागमन ठप हो गया है. लोगों के आवागमन का साधन एक मात्र सहारा नाव है. प्रशासन की ओर से अबतक कोई सरकारी नाव प्रभावित गांव में नहीं दिया गया है जिससे प्रभावित परिवारों में प्रशासन के विरुद्ध आक्रोश व्याप्त है. लोग निजी नाव से आवागमन करने पर मजबूर हैं. मालूम हो कि उक्त गांव कमला बलान नदी के पेट में बसा है. हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका को झेलना है. यहां कईयों की मौत बाढ़ में डूबने से हो चुकी है. प्रशासन की ओर से अबतक कोई बाढ़ पूर्व की तैयारी जमीन पर देखने को नहीं मिल पाया है. बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि प्रशासन मात्र खानापूरी करता है. बाढ़ जब अचानक आती है तब प्रशासन की नींद टूटती है. फिलहाल पशु के चारा के लिए भी खिलाने पर दिक्कत हो रहा है. इधर सीओ धर्मेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में भ्रमण किया हूं. बाढ़ प्रभावित रही टोल, चतरा, मुसहरी में नाव मुहैया कराया जायेगा.
दो पंचायत के आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुसा
/रनाव बना आवागमन का इकलौता साधन गौड़ाबौराम . प्रखंड क्षेत्र के कमला बलान नदी में बाढ़ का पानी उफान पर है. वहीं बाढ़ का पानी अचानक आने से बौराम पंचायत के मुसहरी टोल, गोड़ामानसिंह पंचायत के रही एवं चतरा टोला गांव में बाढ़ के पानी से बुरी तरह घिर गया है. वहीं कई जगहों पर […]
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