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गति सीमा पार न करें, कीमती है जान
दिनोंदिन बढ़ती जा रहीं सड़क दुर्घटनाएं, नहीं संभल रहे वाहन चालक दरभंगा : सड़क चिकनी हुई तो वाहनों की रफ्तार बढ गयी. यही रफ्तार अब जान पर आफत बन गयी है. शहरी क्षेत्र के अलावा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हर रोज सड़क दुर्घटनाएं होती है. इन दुर्घटनाओं में लोगों की जानें भी जा रही […]
दिनोंदिन बढ़ती जा रहीं सड़क दुर्घटनाएं, नहीं संभल रहे वाहन चालक
दरभंगा : सड़क चिकनी हुई तो वाहनों की रफ्तार बढ गयी. यही रफ्तार अब जान पर आफत बन गयी है. शहरी क्षेत्र के अलावा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हर रोज सड़क दुर्घटनाएं होती है. इन दुर्घटनाओं में लोगों की जानें भी जा रही है.
हाथ पैर टूटने एवं हेड इन्ज्यूरी की घटनाएं तो आम बात हो गयी है. इसका मुख्य वजह तेज रफ्तार से वाहनों का परिचालन करना है. बावजूद सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए प्रशासन कारगर कदम नहीं उठा रहा है. इससे इससे प्रशासन पर भी सवालिया निशान लगने लगा है.
क्षमता से अधिक यात्रियों को भर चलाये जाते हैं वाहन
सड़क हादसे के पीछे के कारणों में यदि जायेंगे तो यह भी पता चलेगा कि क्षमता से अधिक यात्रियों को वाहन पर बैठाकर ले जाने के कारण भी हादसा होता है. खासकर ऑटो के दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाये जाने की बात सामने आयी है.
बता दें कि ऑटो चालक नियमों को ताक पर रखकर चालक की सीट पर चार से पांच लोगों को बैठाकर गंतव्य तक का सफर करते हैं. स्थिति यह हो जाती है कि चालक अपनी सीट पर ठीक से बैठ भी नहीं पाता है. पैसे की लालच में वह यात्रियों की जान के खेलते हुए क्षमता से अधिक पैसेंजर को ढोता है.
तेज रफ्तार से परिचालन पर अब तक नहीं कटा चालान
दरभंगा जिले में सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए प्रशासन के द्वारा अब तक कोई ठोस पहल नहीं किया गया है. जिला परिवहन पदाधिकारी हो या फिर अन्य पुलिस पदाधिकारी. अब तक तेज रफ्तार से वाहनों को चलाने के मामले में एक भी वाहन चालक को चलान काटने की जानकारी नहीं है.
पुलिस भी पोस्टमार्टम कराकर या फिर घायलों को अस्पताल तक पहुंचाकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेती है. उससे आगे वह भी कुछ नहीं कर रही है.
शराब पीकर चलाते हैं वाहन
सड़क दुर्घटनाओं में यह भी देखा जा रहा है हादसे की वजह शराब पीकर वाहनों को चलाना भी है. खासकर फोरलेन एवं एनएच 57 के अलावा दरभंगा- समस्तीपुर एवं दरभंगा बिरौल पथ पर हादसे हुए हैं, उसमें शराब पीकर गाड़ी चलाने की बात भी सामने आयी है. शराब पीकर गाड़ी चलाने से चालक की जान तो खतरे में रहती ही है वही यात्रियों की जान भी सांसत में अटकी होती है.
वाहन चलाते समय रखें ध्यान
वाहन चलाते समय गतिसीमा का का करें पालन
बाइक चलाते समय हेलमेट का करें प्रयोग,
शराब या फिर नशीला पदार्थ का सेवन कर न चलायें गाड़ी,
क्षमता से अधिक यात्रियों को गाड़ियों पर न बैठायें,
बगैर लाइसेंस के वाहन न चलावें,
वाहन चलाते समय सड़क के नियमों का करें पालन,
ओवरटेकिंग से बचे, जरुरी होने पर स्पेश मिलने पर ही करें
राजमार्ग, पथ निर्माण विभाग एवं प्रशासनिक निर्देशों का करें पालन
मोटर वाहन कानून का नहीं होता है पालन
प्रतिदिन होने वाली दुर्घटनाओं से स्पष्ट है कि वाहन चलाते समय लोगों के द्वारा मोटर वाहन कानून का पालन नहीं किया जाता है. लोग अपनी मर्जी के हिसाब से वाहन को तेज गति से चलाते हैं.
निर्धारित कानून के तहत स्पष्ट प्रावधान है कि जहां भी भीड़ भाड़ या फिर सड़कों पर लोगों को आवागमन ज्यादा है वहां पर 15 से 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से वाहन को चलाना है. परंतु उस स्थिति में 40 किलोमीटर प्रति घंटा से कम रफ्तार नहीं रहता है.
जबकि सामान्य नियमों के अनुसार 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहनों को वैसे स्थानों पर चलाना है जहां लोगों का आवागमन कम हो. इसका पालन न तो छोटे वाहन करते हैं और न हीं बड़े वाहन ही. बाइक एवं ऑटो चालकों के लिये तो गति सीमा कोई मायने ही नहीं रखता है. वे अपनी मर्जी के हिसाब से वाहन चलाते हैं.
हेलमेट व कागजात पर रहता है फोकस
प्रशासनिक अधिकारी हो या फिर पुलिस. इन दोनों का फोकस हेलमेट या बगैर कागजात के वाहन चलाने वालों को जुर्माना करने पर जरुर रहता है. एसएसपी एके सत्यार्थी के निर्देश पर पिछले दिनों जिले में में वाहन चेकिंग अभियान भी चलाया गया था. इसमें हेलमेट एवं कागजात नहीं रहने के मामले में जुर्माना भी किया गया है. परंतु तेज रफ्तार पर ब्रेक के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गयी है.
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