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दूषित जल पीने को मजबूर सजनपुरा गांववासी

पानी पोस्ट व चैनल का निर्माण नहीं किये जाने से मिनी जल पंप हुआ बेकार साबित बेनीपुर : ‘जल ही जीवन है’ यह महज स्लोगन ही बन कर रह गया है. प्रखंड के सजनपुरा गांव के लोगों के लिए आजादी के 67 साल बाद बीत जाने के बाद भी यहां के लोग दूषित जल ही […]

पानी पोस्ट व चैनल का निर्माण नहीं किये जाने से मिनी जल पंप हुआ बेकार साबित
बेनीपुर : ‘जल ही जीवन है’ यह महज स्लोगन ही बन कर रह गया है. प्रखंड के सजनपुरा गांव के लोगों के लिए आजादी के 67 साल बाद बीत जाने के बाद भी यहां के लोग दूषित जल ही पीने को मजबूर हैं. जो जल इन गांव वासियों के लिए मीठा जहर साबित हो रहा है.
अनुमंडल मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर कमला तट पर बसे उक्त गांव में सरकारी रिपोर्ट के अनुसार लोग आर्सेनिक व फ्लोराइडयुक्त पानी पीने को बाध्य हैं. रिपोर्ट के आलोक में सरकार द्वारा 23 लाख रुपये की लागत से मिनी जल योजना के तहत सोलर चालित पंप लगाने की स्वीकृति वर्षो पूर्व मिला. गांव में युद्धस्तर पर काम भी चालू हुआ. लाखों रुपये व्यय भी किये गये. फिर भी आज तक ग्रामीण पूर्व की भांति दूषित जल पी रहे हैं.
ग्रामीण सह पैक्स अध्यक्ष सुशील साहु, अजित कुमार साहु, हीरा लाल पासवान, जगन्नाथ मंडल आदि कहते हैं कि पीएचइडी विभाग द्वारा वर्षो पूर्व 420 फीट बोरिंग कर सोलर चालित मिनी जल पंप तो बैठाया गया, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण महज कुछ पानी पोस्ट तथा चैनल निर्माण नहीं किये जाने से लाखों खर्च होने के बाद भी वह आज बेकार साबित हो रहा है.
बिना शुद्ध पानी के गांव के 80 से 90 प्रतिशत लोग विभिन्न उदर जनित रोग से ग्रसित हैं. वर्ष 2007 से आज तक दर्जन भर लोग पेट से संबंधित रोग से काल कल्वित हो चुके हैं. लोगों का मानना है कि इस दूषित जल को पीने से ही लोग बीमार हो रहे हैं. जिसे देखनेवाला कोई नहीं है. आखिर कहां गये संवेदक और पीएचइडी के अधिकारी.

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