अलीनगर. खानकाह चिश्तिया फरीदिया, श्यामपुर स्थित बाबा ताजउद्दीन चिश्ती के मजार पर उनका 15वां वार्षिक उर्स रविवार की सुबह फातिहाख्वानी एवं महफिले समा (कव्वाली) के बाद आम इजाजत के साथ संपन्न हो गया, इस उर्स का आयोजन गत 29 नवंबर को बाद नमाजे जोहर कुल व कुरआन ख्वानी के साथ शुरू किया गया. बाद नमाजे मगरिब परम्परागत तरीके से मीलाद-मजलिस के हिस्से की शुरूआत कारी महफूज उद्दीन फरीद के तिलावते कुरआन से हुई, जिसमें मौलाना मोहम्मद आजम रेजा और मौलाना रजाउर रहमान (पचही) हाफिज अब्दुल्ससलाम नूरी और हाफिज व कारी शरफउद्दीन चिश्ती आदि ने अपने-अपने संबोधन में वलीयों से रिश्ते बनाकर रखने मे ंदीन व दुनिया में भला होने की बाते कही. नातशरीफ व मनकबत पेश करने मुरीदीन एवं अकीदतमन्दों की वाहवाही वसूल की. महफिले समा के बाद मजार पर चादरपोशी व गुलपोशी भी की गई. उर्स में बड़ी संख्या में अकीदतमंद जुटे थे, जिनमें से अधिकांश लोग सज्जाद नशीं नूरउद्दीन अहमद चिश्ती से आम इजाजत मिलने के बाद अपनी-अपनी मंजिल की ओर लौट गये हैं.
फातिहाख्वानी के साथ मना उर्स
अलीनगर. खानकाह चिश्तिया फरीदिया, श्यामपुर स्थित बाबा ताजउद्दीन चिश्ती के मजार पर उनका 15वां वार्षिक उर्स रविवार की सुबह फातिहाख्वानी एवं महफिले समा (कव्वाली) के बाद आम इजाजत के साथ संपन्न हो गया, इस उर्स का आयोजन गत 29 नवंबर को बाद नमाजे जोहर कुल व कुरआन ख्वानी के साथ शुरू किया गया. बाद नमाजे […]
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