* डीएमसीएच की कार्यपद्धति पर उठ रहे हैं ढेरों सवाल
दरभंगा : मरीजों की गंभीरता का सही आकलन नहीं करने के कारण रविवार की सुबह एक और मरीज की मौत डीएमसीएच में हो गई. गंज कबीरचक निवासी विजय पूर्वे की पत्नी हीरा देवी (40) को गुरुवार को पेट दर्द के बाद डीएमसीएच के आपातकालीन कक्ष में लाया गया. पेन ऑबडोमेन कह मरीज को डॉ. भीएस प्रसाद के यूनिट में सर्जिकल आइसीयू में भरती कराया गया.
शनिवार की देर शाम मरीज की तबीयत अचानक बिगड़ गयी. मरीज की तबीयत बिगड़ने के बाद मेडिसिन के डॉक्टर की तलाश हुई, परंतु वहां एक भी चिकित्सक मौजूद नहीं थे. इस बीच मरीज की स्थिति गंभीर होती गयी. परिजन नर्स, कर्मी को चिकित्सक को बुलाने अथवा रेफर करने का गुहार लगाते रहे, परंतु परिजनों की गुहार को नजर अंदाज किया जाता रहा. अंतत: रविवार की सुबह मरीज ने दम तोड़ दिया.
मरीज की मौत के बाद परिजन जब आक्रोशित हुए, तो उन्हें वहां की क्रूर व्यवस्था का शिकार होना पड़ा. परिजनों का आरोप था कि चिकित्सकों ने उनके साथ गाली-गलौज एवं पिटाई भी की. वहीं महिला परिजनों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया. घटना की सूचना मिलते ही बेंता ओपी थानाध्यक्ष हरेंद्र कुमार दल-बल के साथ डीएमसीएच पहुंचे, अन्यथा रविवार को एक बार फिर से मरीज के परिजनों की जमकर धुनाई हो जाती.
पुलिस के आने के बाद पीजी डाक्टर शांत हुए परंतु अस्पताल प्रशासन का एक भी नुमाइंदा नहीं पहुंचा. इधर आक्रोशित परिजन शव को आइसीयू से उठाकर आपातकालीन वार्ड के सामने मुख्य पथ पर रख सड़क जाम कर दिये. परिजनों का आरोप था कि यहां की व्यवस्था ने उनके मरीज की हत्या कर दी. परिजन दोषी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ-साथ अस्पताल प्रशासन, मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्यमंत्री के खिलाफ भी नारे लगाये.
* शादी में आयी थी हीरा
हीरा देवी अपने चारों बच्चों के साथ मौसेरे भाई की शादी समारोह में शामिल होने के लिए सैदनगर कालीस्थान गयी थी. हीरा के पति विजय पूर्वे गुवाहाटी में काम करते हैं. पेट दर्द के कारण शुक्रवार को वह डीएमसीएच में भरती हुई थी. हीरा की मां मसोमात कविता देवी एवं भाई उसका देखभाल कर रहे थे.
परिजन सोच रहे थे कि हीरा डीएमसीएच से स्वस्थ होकर वापस घर जायेगी. मगर यहां की व्यवस्था ने हीरा की जान ही ले ली. हीरा की मौत की खबर सुनते ही उसकी मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. वहीं हीरा के बच्चे शादीशुदा प्रियंका देवी, काजल (15), राहुल (10) एवं रोहित (8) को जब इसकी सूचना मिली तो वे बदहवास हो डीएमसीएच पहुंचे. बच्चे अपनी मां के शव से लिपटकर चीत्कार कर उठे. बच्चों के विलाप के इस दृश्य को देख वहां उपस्थित लोगों के आंख से बरबस ही आंसू निकल पड़े.