23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

परिजनों ने कहा, काश यही व्यवस्था रोज रहती

दरभंगा : मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के सदस्य डॉ कतसब नायक सोमवार को शिशु रोग विभाग और ओपीडी का निरीक्षण किया. डॉ नायक शिशु रोग विभाग में फैकल्टी की उपस्थिति, मेडिसिन विभाग में डायलिसिस एवं इंडोस्कोपी, शिशु विभाग के आइसीयू, इमरजेंसी, मीकू, नीकू एवं वार्ड का गहन निरीक्षण किया. बताया जाता है कि डीसीएस […]

दरभंगा : मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के सदस्य डॉ कतसब नायक सोमवार को शिशु रोग विभाग और ओपीडी का निरीक्षण किया. डॉ नायक शिशु रोग विभाग में फैकल्टी की उपस्थिति, मेडिसिन विभाग में डायलिसिस एवं इंडोस्कोपी, शिशु विभाग के आइसीयू, इमरजेंसी, मीकू, नीकू एवं वार्ड का गहन निरीक्षण किया. बताया जाता है कि डीसीएस की मान्यता को लेकर एमसीआई सदस्य शिशु रोग विभाग में इंस्ट्रूमेंट एवं फैक्लटी की वास्तविक स्थिति का बारीकी से अवलोकन किया. वर्द्धमान मेडिकल कॉलेज से आये डॉ नायक सुबह करीब 9.30 बजे डीएमसी प्राचार्य कक्ष पहुंचे.

एमसीआइ के सदस्य के आने की सूचना प्राचार्य डॉ आरके सिन्हा ने संबंधित अधिकारियों को दी. सूचना मिलते ही शिशु रोग विभाग में अफरा-तफरी मच गयी. चिकित्सक आनन-फानन में विभाग की ओर रुख करने लगे. विभाग में अपनी हाजिरी बनाने के लिये चिकित्सक बायोमेट्रिक के सामने कतारबद्ध हो गये.
इसी बीच डॉ नायक शिशु रोग विभाग पहुंच गये. मौके पर प्राचार्य डॉ आरके सिन्हा, एचओडी डॉ केएन मिश्रा, डॉ अशोक कुमार, डॉ रिजवान हैदर, डॉ एमके शुक्ला, डॉ ज्ञानेश्वर झा, डॉ ओम प्रकाश आदि चिकित्सक मौजूद थे.
बदला-बदला सा था नजारा: भर्ती मरीजों के बारे में की पूछताछ
एमसीआई सदस्य डॉ नायक ने शिशु रोग विभाग के सभी वार्ड का निरीक्षण किया. इस दौरान विभाग में कम संख्या में भर्ती बच्चों की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछताछ की. डॉ अशोक कुमार ने कहा कि होली के कारण मरीजों की संख्या कम है. एक-दो दिनों में वार्ड में मरीजों की संख्या में इजाफा हो जायेगी.
सुरक्षा गार्ड थे चौकस: निरीक्षण के दौरान सुरक्षा गार्ड चौकस नजर आ रहे थे. सुरक्षा गार्ड मरीजों के परिजनों को एक जगह जमा नहीं होने दे रहे थे. बरदी में चुस्त-दुरुस्त नजर आ रहे गार्ड परिसर में व्यवस्था बहाल रखने को लेकर लगातार सक्रिय थे.
फैकल्टी की कमी पर जतायी नाराजगी
शिशु रोग विभाग में फैक्लटी की भारी कमी है. सृजित तीन प्रोफेसर के पद के विरुद्ध मात्र एक ही प्रोफेसर कार्यरत हैं. वहीं छह एसोसिएट प्रोफेसर के सृजित पद के विरुद्ध तीन ही कार्यरत हैं. जबकि असिसटेंट प्रोफेसर के आठ सृजित पद के विरुद्ध छह कार्यरत हैं. फैकल्टी के साथ-साथ अन्य कमियों के कारण विभाग में चल रहे डिप्लोमा इन चिल्ड्रेन हेल्थ कोर्स को मान्यता अब तक नहीं मिली है. जबकि यह कोर्स वर्षों से चल रहा है. यह मामला कोर्ट में लंबित है. कोर्ट ने इस संबंध में एमसीआई से मान्यता लेने की बात कही है.
एमसीआइ सदस्य ने ओपीडी व शिशु रोग विभाग का किया निरीक्षण
डीसीएस एवं विभाग में इंस्ट्रूमेंट व फैकल्टी की ली जानकारी
निरीक्षण की सूचना पर भागे-भागे पहुंचे हॉस्पिटल के कई चिकित्सक
बायोमेट्रिक मशीन मार रही थी झटका
एमसीआई सदस्य के निरीक्षण के लिए पहुंचे तो वहां अफरा तफरी मची थी. वरीय एवं जूनियर चिकित्सक एक साथ विभाग पहुंच रहे थे. सभी बायोमेट्रिक्स मशीन से हाजिरी बनाने को उतावले थे. हाजिरी बनाने के दौरान बायोमेट्रीक्स मशीन लगातार झटका दे रहा था. इससे चिकित्सकों को परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि परेशानियों के बाद भी सब कुछ यहां पटरी पर दिख रही थी.
सभी व्यवस्था थी दुरुस्त
शिशु रोग विभाग में अन्य दिनों जहां चिकित्सक, नर्स व चिकित्साकर्मी अपनी मर्जी से ड्यूटी पर पहुंचते थे, एमसीआई के निरीक्षण की सूचना मिलने पर सभी ससमय विभाग पहुंच चुके थे. सफाईकर्मी विभाग को चकाचक कर चुके थे. बेड पर सतरंगी चादर बिछा हुआ था. चिकित्सक एप्रॉन में नजर आ रहे थे. अचानक विभाग का बदला स्वरूप देख मरीज व परिजन अचंभित थे. मरीजों के परिजनों का कहना था कि काश आज जैसी स्थिति सब दिन होती तो डीएमसीएच में इलाज कराने आने से कोई परहेज नहीं करता.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें