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बाढ़ का कहर. पहले बाढ़ ने बरपाया कहर, अब रुला रही बारिश सड़क पर शरण लिये मवेशियों के साथ विस्थापितों पर कहर बरपा रही वर्षा बारिश ने बाढ़ पीड़ितों की बढ़ायी मुसीबत, बढ़ा नदी का जलस्तर दरभंगा : पानी का एक नाम जीवन भी है. इसी जीवन के बीच बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी पिस रह […]

बाढ़ का कहर. पहले बाढ़ ने बरपाया कहर, अब रुला रही बारिश

सड़क पर शरण लिये मवेशियों के साथ विस्थापितों पर कहर बरपा रही वर्षा
बारिश ने बाढ़ पीड़ितों की बढ़ायी मुसीबत, बढ़ा नदी का जलस्तर
दरभंगा : पानी का एक नाम जीवन भी है. इसी जीवन के बीच बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी पिस रह है. नीचे पानी जमा है और उपर से भी पानी बरस रहा है. लगता है उपरवाला बाढ़ पीड़ितों की परीक्षा ले रहे हैं. शुभंकरपुर समेत अन्य इलाके के लोगों पर पहले बाढ़ ने कहर ढ़ाया, अब वर्षा बाढ़ पीड़ितों का रूला रही है. गुरूवार की सुबह से रूक-रूक कर हुई तेज बारिश का पानी बाढ़ से विस्थापित हो मवेशियों के साथ सड़क पर खुले आसमान के नीचे शरण लिये लोगों पर कहर बनकर बरसा.
उधर नगर क्षेत्र के शुभंकरपुर व अन्य इलाके से बाढ़ का पानी जितना निकला नहीं था, उससे अधिक पानी फिर से जमा हो गया है. इसने पीड़ितों की परेशानी को और बढ़ा दिया है. विस्थापित होकर राज परिसर समेत अन्य स्थानों पर शरण ले रखे लोगों की प्रशासन की ओर से अब तक कोई सुधि नहीं ली गयी है. पीड़ितों की परेशानी दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है.
विस्थापितों की बढ़ीं मुश्किलें
बाढ़ के पानी ने पहले ही लोगों को घर से बेघर कर रखा है. विस्थापित होकर दर्जनों परिवार राज परिसर में मवेशियों के साथ शरण लिये हुए हैं. इन लोगों पर प्रकृति का कहर बरप रह है. बीते तीन दिनों से भूखे-प्यासे तेज धूप में लोग झुलस रहे थे. वहीं आज बारिस ने मुसीबत बढ़ा दी है. चिकित्सा के अभाव में मवेशी अस्वस्थ हो रहे हैं. इन्हें देखनेवाला कोई नहीं है.
जलस्तर में इजाफा
शुभंकरपुर, रत्नोपट्टी, बाजितपुर, कबराघाट, चूनाभट्ठी समेत अन्य इलाकों में आये बाढ़ के पानी में बीते दिनों कमी आते देख बाढ़ पीड़ितों के जीवन पटरी पर आने की आस जगी ही थी कि गुरूवार की बारिश ने इनकी उम्मीद पर पानी फेर दिया. जिन क्षेत्रों में पानी कम होने लगा था, वहां फिर से पानी भर गया है. नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से पानी निकलने में अभी और वक्त लगना तय हो गया है.
प्रशासन नहीं ले रहा सुधि
राज परिसर में वार्ड आठ, नौ व 23 के विस्थापित परिवारों ने खुले आसमान के नीचे शरण ले रखा है. शरण लिये हुये रामदयाल पासवान, हरि पासवान, सुकन राय, सन्नो देवी, अब्दुल जब्बार आदि का कहना है कि मवेशियों के लिये चारा मिलना मुशिकल हो रहा है. बीमार भी हो रहे हैं. घर तो गया ही अब सड़क पर जीवन आ गया है. पॉलिथीन मिलने की बात सुनी थी, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई सुधि लेने तक नहीं पहुंचा है. रही कसर वर्षा पूरी कर रही है.
शहर की सड़कों को भी डुबोया
वर्षा के पानी ने नगर की सूखी सड़कों को फिर से डुबो दिया है. कई मुहल्ले जलमग्न हो गये. सड़क पर पानी जमा हो जाने से आवागमन भी प्रभावित हो गया है. नगर के कई मुहल्लों के घरों में पानी प्रवेश कर जाने से लोगों को परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है. नदी भरे रहने के कारण पानी की निकासी नहीं हो रही है. इससे शहर में जलजमाव की स्थिति बन गयी है. बरसात होते रहने की स्थिति में समस्या के और विकराल होने की आशंका से लोग सशंकित हैं.
दरभंगा. बरसात एवं बाढ़ के पानी ने शहर के लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है. गुरुवार की सुबह से दिनभर रूक-रूक कर हुई बारिश के कारण कई गली-मोहल्ले में पानी लग गया. इससे इन रास्तों से पैदल चलना मुश्किल हो गया. दूसरी तरफ जगह-जगह जमा कचरा तथा नाले की साफ-सफाई नहीं होने के कारण जगह-जगह नाला जाम है.
इस वजह से भी गली, मोहल्ले से पानी नहीं निकल रहा है. कई जगहों पर तो नाला को अतिक्रमित कर लिया गया है. वार्ड नंबर 42 पंजाबी कॉलनी, अनहरिया बाग, बंगाली टोला, जीएन गंज मोहल्लों में हल्की बारिश में भी पानी लग जाना आम बात हो गई है. पंजाबी कालोनी निवासी प्रतीक मेहरोत्रा कहते हैं कि नाले की साफ सफाई नहीं होने के कारण हमेशा मोहल्ले में नाले का पानी सड़क पर आ जाता है. कचरा भी लोग नाले में गिरा देते हैं. सफाई कर्मचारी नाले की पूरी तरह से सफाई नहीं करते. रतन मेहरोत्रा, मुकेश सिंह, राजकुमारी देवी, सोनी का कहना है कि जलजमाव की स्थिति नियति बन गयी है.

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