दरभंगा : लनामिवि के पीजी राजनीति विभाग के प्राध्यापक डॉ रविंद्र कुमार चौधरी का कहना है कि राजनीति में स्थायित्व नहीं होता है. इसमें सभी लोग अपने-अपने दल के अस्तित्व के लिए हमेशा संघर्ष जारी रखते हैं. प्रत्येक दल यह चाहता है कि अधिक से अधिक प्रचार उसके दल का हो. सभी दल से जुड़े कार्यकर्ता इसी उद्देश्य के साथ काम करते हैं. बिहार में आया बदलाव उसी संघर्ष के एक नमूना के रूप में सामने आया है. कारण यह है कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है.
वह चाहती है कि अधिक से अधिक राज्यों में उसकी सरकार बन सके. इसी जोड़- तोड़ की राजनीति के तहत उस दल से जुड़े नेतृत्व के लोग प्रयास में लगे हुए थे, कि बिहार में उनका पांव कैसे जम सके. इसमें भाजपा को सफलता मिली. जदयू के साथ गठबंधन कर सरकार में वह शामिल हो गई. भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करने का नीतीश कुमार द्वारा उठाया गया कदम स्वागत योग्य है. अगर भ्रष्टाचार मुक्त राज्य के निर्माण की अपेक्षा को लेकर महागठबंधन टूटा है, तो यह बिहार के लोगों के लिए सौभाग्य की बात है. वैसे बिहार जैसे बीमारू राज्य में यह गठबंधन कितने दिनों तक चल सकेगा यह तो आने वाला समय बताएगा.