विमलनाथ झा, दरभंगाः ‘खाता न बही, पावर होल्डिंग कंपनी जो बिल भेजे वो सही’ यह कहावत नगर निगम पर ही चरितार्थ होते दिख रही है. शहर की मुख्य सड.कों से लेकर अन्य सड.कों तक करीब आधा दर्जन सड.कों को छोड. दिया जाय, तो सभी जगह स्ट्रीट लाइट के अभाव में अंधेरा पसरा रहता है. लेकिन बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी की नजर में शहर में गडे जितने पोल है, उन सबों पर वैपर लाइट या बल्ब मानकर उन्होंने नगर निगम पर बिजली दर निर्धारित कर दी है.
शायद यही कारण है कि शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट लाइटों पर 2, 49, 33, 618 तथा हाइमास्ट लाइटों व अन्य कनेक्शनों पर 1, 33, 27, 375 रुपये यानी लगभग चार करोड. का बिल नगर निगम प्रशासन को भेज दिया है. करीब दो माह पूर्व ही नगर आयुक्त परमेश्वर राम ने शहरी क्षेत्र के कार्यपालक अभियंता को 50 लाख रुपये का चेक दिया था. इसके बावजूद चार करोड. का बिल देखकर निगम प्रशासन हैरत में हैं.
बंद हाइमास्टलाइट का बिल भी हजारों मेंमुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2009-10 में शहर में 15 हाइमास्ट लाइटों को लगाने की स्वीकृति दी गयी.इस योजना का कार्य एजेंसी मुजफ्फरपुर स्थित विद्युत कार्य योजना के कार्यपालक अभियंता को बनाया गया. करीब तीन साल में उन्होंने शहर में 14 हाइमास्ट लाइटों का प्रतिष्ठापन किया. लेकिन विडंबना यह है कि दो-तीन को छोड. लगभग सभी हाइमास्ट लाइट बंद हैं. इतना ही नहीं नगर निगम कार्यालय परिसर में लगा हाइमास्ट तो अब तक एक दिन के लिए भी जांच के क्रम में भी नहीं जल सका है. इसके बावजूद पावर होल्डिंग कंपनी ने नगर निगम को 1 करोड. 33 लाख 27 हजार 375 रुपये का बिल भेज दिया है. पावर होल्डिंग कंपनी ने हाइमास्ट लाइटों के जो बिल नगर निगम प्रशासन को भेजा है, वह इस प्रकार है- 59418 रुपये, 150405, 131490, 44824, 70746, 71218, 70949, 37771, 9435, 20356 तथा नगर निगम एवं कमला नेहरू पुस्तकालय का बिल 1 करोड. 26 लाख 60 हजार 763 रुपये भेजा है.
ज्ञात हो कि तीन माह पूर्व बंद हाइमास्ट लाइटों पर भी मनमाना बिल भेजने के बाद नगर अभियंता ने नगर आयुक्त के माध्यम से विद्युत कार्यपालक अभियंता को पत्र भेजकर यह निर्देश दिया था कि जितने हाइमास्ट लाइट बंद हैं, उनके मीटर रेंट एवं मासिक चार्ज का ही विपत्र भेजें. लेकिन वर्तमान बिल में भी ऐसा कुछ प्रतीत नहीं होता.
कहते हैं नगर आयुक्त
इस बाबत पूछे जाने पर नगर आयुक्त परमेश्वर राम ने बताया कि विपत्रों की जांच करने के बाद ही भुगतान किया जायेगा.