बैरिया : जिले के सरकारी अस्पतालों में दवा और इलाज का इंतजाम किसी से छिपी नहीं है. मौजूद संसाधनों का भी लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. ताजा मामला बैरिया पीएचसी का है. जहां दवा, इलाज तो दूर तीन दिन से पीएचसी अंधेरे में हैं. दिन में तो किसी तरह कार्य चल जाता […]
बैरिया : जिले के सरकारी अस्पतालों में दवा और इलाज का इंतजाम किसी से छिपी नहीं है. मौजूद संसाधनों का भी लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. ताजा मामला बैरिया पीएचसी का है. जहां दवा, इलाज तो दूर तीन दिन से पीएचसी अंधेरे में हैं. दिन में तो किसी तरह कार्य चल जाता है. रात में मोमबत्ती के सहारे प्रसव व अन्य कार्य कराये जा रहे हैं.
जनरेटर नहीं चलाये जाने से लोगों में अब रोष बढ़ने लगा है.
आलम यह है कि बरसात के दिनों में जब लोग इलाज के लिए रात्रि में आते हैं तो अंधेरे में ही उन्हें इलाज करवाना पड़ता है. इसके लिए मरीजों द्वारा कई बार हंगामा भी किया गया और अस्पताल प्रशासन से लेकर सीएस को भी कई बार इस बात से अवगत कराया जा चुका है. लेकिन बैरिया पीएससी की स्थिति में सुधार के बजाय दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है. एक तरफ जहां अस्पताल प्रशासन मौन बैठा है. वहीं आलाधिकारी भी कुछ नहीं कर रहे हैं. पोलियो कार्यक्रम चलने के चलते कई जीवन रक्षक दवाएं इस अस्पताल में भगवान भरोसे हैं.
जिन पर खतरा मंडरा रहा है क्योंकि बिजली के नहीं रहने से अस्पताल में रखे फ्रीज में बंद पड़े हैं. जिसमें जीवन रक्षक दवाएं रखी गई है. माले नेता सुरेंद्र चौधरी, शिव प्रसन्न मुखिया, छोटेलाल मुखिया, मंगल चौधरी आदि लोगों ने आरोप लगाया कि जब से यहां अस्पताल में काफी कमियां है. अस्पताल के कर्मियों के आने और जाने का भी समय का पता नहीं चल रहा है. बहुत से कर्मी ऐसे हैं जो कई महीनों से लापता है और उनकी उपस्थिति बन रही है. जबकि कई कर्मी को तो कोई कार्य भी नहीं है और उन्हें बेवजह पीएससी में रखा गया है. उन्होंने इसकी जांच की भी मांग की है. इधर प्रभारी एसपी मंडल ने बताया कि जनरेटर का क्वायल जल गया है जिसे यह स्थिति बनी हुई है.
बैरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल, जेनेरेटर नहीं चलने से मोमबत्ती के सहारे हो रहा इलाज