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पश्चिम चंपारण लोकसभा: चौथी बार जीतेगी बीजेपी या कांग्रेस करेगी कमाल, जानें इस सीट का सियासी समीकरण

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में पश्चिम चंपारण संसदीय क्षेत्र में वोटिंग होनी है. परिसीमन के बाद जब से यह सीट गठित हुई है. यहां भाजपा ही जीतती आई है. ऐसे में इस बार देखने दिलचस्प होगी की यहां भाजपा जीत का चौका लगाएगी या कांग्रेस कोई कमाल करेगी.

2008 के परिसीमन बाद गठित पश्चिम चंपारण लोकसभा सीट पर कुल आठ उम्मीदवार हैं. यहां चुनावी टक्कर सीधी है. एनडीए उम्मीदवार भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल का मुकाबला इंडिया गठबंधन के मदन मोहन तिवारी (कांग्रेस) से होगा. गठन के बाद 2009 से जायसवाल  इस सीट पर कब्जा किये हुए हैं. लोकसभा के हर चुनाव में उनकी स्थिति मजबूत हुई है. वह पहली बार 2009 में 38.6% वोट शेयर के साथ जीते. 2014 में आंकड़ा बढ़कर 44.2% हो गया. 2019 में वोट शेयर 59.6% हासिल किया और 2.94 लाख की बढ़त हासिल की.  बावजूद इसके कांग्रेस उम्मीदवार मदन मोहन तिवारी भाजपा को चुनौती दे रहे हैं.

पश्चिम चंपारण जिले की विधानसभा सीट नौतन, चनपटिया, बेतिया, तथा पूर्वी चंपारण जिले की रक्सौल, सुगौली और नरकटिया विधानसभा सीट के वोटर 25 जून को सभी उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद कर देंगे. इंडिया गठबंधन अपने कोर वोट बैंक के बाहर का वोट हासिल कर जीत की रणनीति बनाकर यहां चुनाव लड़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक जायसवाल के लिए प्रचार कर चुके हैं. तिवारी के प्रचार के लिए इंडिया ब्लाक से पीएम के प्रचार की काट कर सके ऐसा कोई नेता पश्चिम चंपारण में नहीं पहुंचा है.

किसमें उम्मीदवार में है कितना दम

एनडीए में अभी जो घटक दल हैं उनको इस संसदीक्ष क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीट पर 2020 में जो वोट मिला उसका कुल जोड़ 42 % से अधिक है. कांग्रेस ने 2020 में राजद के साथ गठबंधन में भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ चार सीटों पर चुनाव लड़ी लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पायी. बस 22.6% का कुल वोट शेयर हासिल कर थोड़ा ऊपर पहुंच गयी. राजद ने नरकटिया में जदयू और सुगौली में लोजपा उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की. लेकिन, वोट शेयर 14.6% निकला.  इस वोट शेयर को इसे एनडीए की ताकत का वर्तमान में फौरी संकेत माना जा सकता है.

पीएम ने लिया था 400 पार का संकल्प

अंग्रेजों के खिलाफ नील आंदोलन, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्याग्रह की गवाह रहे लोकसभा क्षेत्र पश्चिमी चंपारण (2009 से पहले बेतिया) की धरती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 संकल्पों का आह्वान किया था. बीते छह मार्च को आयोजित सभा में लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीट सहित देशभर में 400 से अधिक सीट जिताने का संकल्प चंपारण की जनता से लिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पश्चिमी चंपारण केवल एक लोकसभा क्षेत्र नहीं है.  यह बिहार की जनता को साथ लाने और एनडीए का बेड़ा पार कराने का केंद्र भी है.

मतदाता : एक नजर

  • कुल वोटर : 1756078
  • पुरुष : 936045
  • महिला :819969
  • थर्ड जेंडर : 64
  • शहरी मतदाता: 10.9%
  • ग्रामीण मतदाता: 89.1%
  • साक्षरता दर: 44.68%

भाजपा की 100 फीसदी स्ट्राइक रेट

भाजपा पश्चिमी चंपारण में 100 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ वह तीन बार से वोट प्रतिशत बढ़ाते हुए जीत रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां की लड़ाई का पैटर्न बदला. पहली बार आमने- सामने ओबीसी उम्मीदवार थे. भाजपा के डॉ संजय जायसवाल (चिकित्सक ) के खिलाफ राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (महागठबंधन) के बृजेश कुमार कुशवाहा थे.  कुल 1633824 मतदाता में करीब 1012936 ने मतदान किया.

भाजपा के उम्मीदवार डॉ. संजय जायसवाल 59. 57 फीसदी वोट पाकर सांसद बने.  उन्हें कुल 603706 वोट मिले. आरएलएसपी के उम्मीदवार ब्रजेश कुमार कुशवाहा कुल 309800 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. 30.57 फीसदी वोट पाने वाले कुशवाहा 293906 वोटों से हारे. तीसरे नंबर पर नोटा रहा. 45699 वोटरों ने इसका प्रयोग किया. यह वोट कुल मतदान का 4.51 फीसदी था.  पोलिंग बूथ की बात करें तो बीजेपी 76.5 % पर आगे थी और आरएलएसपी 23.4% पोलिंग बूथ पर आगे थी.  

2014 में पश्चिम चंपारण संसदीय क्षेत्र में कुल 1413148 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 854800 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार डॉ. संजय जयसवाल जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 371232 वोट मिले. जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार प्रकाश झा कुल 260978 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह 110254 वोटों से हार गये. तीसरे नंबर पर राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार रघुनाथ झा थे. उनको 8.62% यानी 121800 वोट  मिले.

2009 में पश्चिम चंपारण संसदीय क्षेत्र में कुल 1220868 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 515477 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार डॉ. संजय जयसवाल जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 198781 वोट हासिल हुए. लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार प्रकाश झा कुल 151438 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. वे 47343 वोटों से हार गये.

लोकसभा चुनाव में जीत का अंतर

वर्षविजेतारनर अप
201959.57%30.57%
201426.27%18.47%
200916.28%12.4%

2019 लोकसभा चुनाव में  वोट (%)पैटर्न

  • बीजेपी @ 59. 6
  • आरएलएसपी ‍@ 30.6

2020 विधानसभा चुनाव में वोट (%)पैटर्न

  • कांग्रेस ‍@ 22.6
  • भाजपा @ 31.7
  • जेडीयू ‍@ 5.6
  • राजद ‍@ 14.6
  • एलजेपी ‍@ 3.4
  • आरएलएसपी ‍@ 1.4
  • एनसीपी @ 0.1

विधानसभा सीटों पर दलगत स्थित

पश्चिमी चंपारण लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीट आती हैं. इसमें रक्सौल, नरकटिया और सुगौली पूर्वी चंपारण  तथा बेतिया, नौतन और चनपटिया विधानसभा क्षेत्र पश्चिमी चंपारण में आते हैं. इसमें भाजपा पर 4 और राजद के 2 विधायक हैं. नौतन से नारायण प्रसाद (भाजपा),  चनपटिया से उमाकांत सिंह (भाजपा), बेतिया रेनू देवी (भाजपा), रक्सौल प्रमोद कुमार सिन्हा (भाजपा) विधायक हैं. सुगौली से इंजीनियर शशि भूषण सिंह (राजद), नरकटिया से शमीम अहमद (राजद) विधायक हैं.

2019 में वोटर

  • संसदीय क्षेत्र कुल वोटर : 1633824
  • वोटिंग (Votes Polled On EVM) : 1007883
  • सामान्य पुरुष वोटर :  876758
  • सामान्य महिला वोटर : 754309
  • सामान्य ट्रांसजेंडर वोटर : 63
  • कुल सामान्य वोटर  : 1631130
  • सामान्य एनआरआई वोटर : 00
  • सर्विस वोटर पुरुष : 2607
  • सर्विस वोटर  महिला : 87
  • सर्विस वोटर ट्रांसजेंडर : 00
  • सर्विस वोटर एनआरआई :00
  • कुल सर्विस वोटर : 2694

(स्रोत : भारत निर्वाचन आयोग )

पिछले तीन लोकसभा चुनाव का परिणाम

वर्षउम्मीदवारपार्टीकुल वोट
2019डॉ. संजय जायसवालभाजपा603706
2014डॉ. संजय जायसवालभाजपा371232
2009डॉ. संजय जायसवालभाजपा198781
(स्रोत : भारत निर्वाचन आयोग )

लोकसभा क्षेत्र बेतिया में कब कौन चुना गया

वर्षउम्मीदवारदल
2004रघुनाथ झाराष्ट्रीय जनता दल
1999मदन प्रसाद जायसवालभारतीय जनता पार्टी
1998मदन प्रसाद जायसवालभारतीय जनता पार्टी
1996मदन प्रसाद जायसवालभारतीय जनता पार्टी
1991फ़ैयाज़ुल आज़मजनता दल
1989धर्मेश प्रसाद वर्माजनता दल
1984मनोज पांडेभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1980पीताम्बर सिन्हाभारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
1977फजलुर रहमानजनता पार्टी
1971कमल नाथ तिवारीभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967कमल नाथ तिवारीभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962कमल नाथ तिवारीभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
(नोट : परिसीमन के बाद बेतिया लोकसभा सीट 2008 में पश्चिमी चंपारण के रूप में गठित हुई. 2009 में पहली बार वोट डाले गये)

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