बेतिया : ट्रेन की चपेट में आकर घायल हुआ युवक घंटों रेलवे ट्रैक के किनारे तड़पता रहा. लेकिन, कोई उसकी मदद को सामने नहीं आया. लोगों ने पुलिस व जीआरपी को इसकी सूचना दी. लेकिन, दोनों ने एक-दूसरे का कार्यक्षेत्र बताकर फोन डिस्कनेक्ट कर दिया.
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सीमा विवाद में घंटों तड़पा युवक, तोड़ा दम
बेतिया : ट्रेन की चपेट में आकर घायल हुआ युवक घंटों रेलवे ट्रैक के किनारे तड़पता रहा. लेकिन, कोई उसकी मदद को सामने नहीं आया. लोगों ने पुलिस व जीआरपी को इसकी सूचना दी. लेकिन, दोनों ने एक-दूसरे का कार्यक्षेत्र बताकर फोन डिस्कनेक्ट कर दिया. नतीजा घंटों तड़पने के बाद युवक ने ट्रैक पर ही […]
नतीजा घंटों तड़पने के बाद युवक ने ट्रैक पर ही दम तोड़ दिया. मानवता शर्मसार करने वाली यह घटना शहर के छावनी प्रजापति हॉल्ट के समीप रेलवे ट्रैक की है. मौत की सूचना पर पहुंची मनुआपुल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मृत युवक की पहचान पूर्वी चंपारण जिले के अरेराज खजुरिया निवासी मोहम्मद ताहिर के रूप में की गयी है.
घटना के बारे में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ताहिर सत्याग्रह एक्सप्रेस में सवार था. सोमवार की सुबह ट्रेन अभी प्रजापति हॉल्ट के समीप पहुंचा ही था कि इसी दौरान ताहिर अचानक ट्रेन से नीचे गिर गया और ट्रेन की चपेट में आकर बुरी तरह घायल हो गया. इसके बाद ट्रैक पर तड़पने लगा. मौके पर भीड़ लग गयी. उसने लोगों ने बात कर अपनी पहचान बताई और अस्पताल पहुंचाने को कहा. भीड़ में शामिल लोगों ने पहले इसकी सूचना जीआरपी को दिये
, जिसपर जीआरपी की ओर से घटनास्थल पूछने के बाद खुद का कार्यक्षेत्र नहीं बनाकर सिविल पुलिस को इसकी जानकारी देने की बात कही गयी. इसके बाद लोगों ने फोन कर इसकी सूचना सिविल पुलिस को दी, जहां से जीआरपी का कार्यक्षेत्र बताकर फोन डिस्कनेक्ट कर दिया गया. नतीजा मोहम्मद ताहिर घंटों ट्रैक पर तड़पता रहा और भीड़ तमाशबीन रही. करीब दो घंटे तड़पने के बाद उसकी मौके पर ही मौत हो गई. बाद में पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया. जिसे पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया.
शहर के छावनी प्रजापति हॉल्ट का मामला
ट्रेन की चपेट में आकर हुआ था घायल
जीआरपी व सिविल पुलिस एक-दूसरे का
बता रहे थे कार्यक्षेत्र
किसी ने नहीं पहुंचाया अस्पताल, मानवता शर्मसार
सोमवार की सुबह जिस वक्त यह घटना हुई, उस समय मौके पर सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी थी. घटनास्थल मेन रोड से सटे होने के नाते जो कोई आता था, वहां थोड़ी देर के लिए रूक कर मामले की जानकारी जरूर लेता. कुछ लोग गाड़ी से उतर कर घायल हो भी देखने पहुंच जाते और फिर वापस लौट जा रहे थे.
वह भी तब, जब लगातार घायल मोहम्मद ताहिर अस्पताल पहुंचाने के लिए लोगों के समक्ष गिड़गिड़ा रहा था. यह संवेदनहीनता कि चरम ही थी कि किसी ने भी उसे अस्पताल नहीं पहुंचाया और पुलिस ने भी एक बर फिर सीमा विवाद में उलझ कर मानवता को शर्मसार कर दिया.
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