बेतिया अवर निबंधन कार्यालय का मामला
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तीन दिनों से निबंधन ठप होने से आक्रोश परेशानी
बेतिया अवर निबंधन कार्यालय का मामला पदाधिकारी की लगी सीएम के कार्यक्रम में ड्यूटी बेतिया : यदि आप बेतिया निबंधन कार्यालय में आकर जमीन का निबंधन कराना या करना चाहते है तो 27 अप्रैल के बाद ही आये. जी हां! साहब की ड्यूटी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में लग गयी है. जिस कारण बेतिया अवर निबंधन […]
पदाधिकारी की लगी सीएम के कार्यक्रम में ड्यूटी
बेतिया : यदि आप बेतिया निबंधन कार्यालय में आकर जमीन का निबंधन कराना या करना चाहते है तो 27 अप्रैल के बाद ही आये. जी हां! साहब की ड्यूटी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में लग गयी है. जिस कारण बेतिया अवर निबंधन कार्यालय में पिछले दो दिनों से निबंधन कार्य ठप है. और आज गुरुवार को भी ठप रहेगा. इसके लिए बजाप्ता अवर निबंधन की ओर से बिना हस्ताक्षर निबंधन कार्यालय के समक्ष नोटिस भी चिपका दिया गया हैं.
इधर बेतिया अवर निबंधन कार्यालय में दो दिनों से क्रेता और विक्रेता, जमीन निबंधन या विवाह रजिस्ट्रीकरण के लिए चक्कर काट रहे है. भले ही सरकारी राजस्व को घाटा का दावा नहीं किया जा रहा है. लेकिन आम जनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है.
हाल यह है कि अवर निबंधन कार्यालय बेतिया में निबंधन कार्य ठप रहने से सैकड़ों लोगों को परेशान होकर निबंधन कार्यालय से लौटना पड़ा है. कई लोगों को तो अपना रेलवे का आरक्षण भी रद्द कराना पड़ा है.
नहीं कोई सुनने वाला, हो रही तकलीफ : बताते है कि बेतिया अवर निबंधन कार्यालय में प्रतिदिन औसतन 150 से 200 दस्तावेज निबंधन के लिए प्रस्तुत होते है. औसतन एक दस्तावेज में चार लोगो की आवश्यकता होती है. किसी किसी में यदि क्रेता या विक्रेता एक से अधिक है तो यह संख्या बढ़ जाती है. मंगलवार, बुधवार को कई लोग दो दो दिन निबंधन कार्यालय का चक्कर काटकर लौट गये. इससे उन्हें आर्थिक नुकसान के साथ ही साथ समय भी गंवाना पड़ा.
बेतिया अवर निबंधन कार्यालय में निबंधन कार्य ठप होने से लोगो के बीच आक्रोश भी देखा गया. कई लोग जिला निबंधन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी से मिलने की कोशिश भी किये लेकिन उनके भी मुख्यालय में नही रहने से कोई सुनने वाला नहीं मिला. और अपने समय को खराब जानकर वे वापस हो गये.
लोग बोले, हो रही परेशानी
जमीन निबंधन के लिए बेतिया पहुंचे राजकुमार पांडेय ने बताया कि उनके चाचा चचेरा भाई जमीन निबंधन कराने के लिए दिल्ली से चलकर बेतिया आये थे. उनका रेल आरक्षण भी था. लेकिन निबंधन कार्य समय से नही होने के कारण उन्हें अपना रेल निबंधन भी रद्द कराना पड़ा. यहीं हालत अशोक कुमार की भी थी. उन्होंने बताया कि जमीन निबंधन के लिए मंगलवार को हीं आया.दस्तावेज तैयार कर उसका राजस्व भी जमा करा दिया गया हैं लेकिन निबंधन कार्य ठप रहने से काफी परेशानी उठानी पड़ी है.
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