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बदलवाने को बचे हैं 11 दिन

नोटबंदी. पुराने 500 व 1000 के नोट जमा करना हो, तो चेत जाएं एसबीआइ के एटीएम पर कैश निकालने जुटे ग्राहक . अभी तक पुराने 500 और 1000 के नोट पास में रखे हैं तो उसे अब जल्द बैंक में जमा करा दें, नहीं तो 30 दिसंबर के बाद यह नोट बैंक नहीं लेंगे. आरबीआइ […]

नोटबंदी. पुराने 500 व 1000 के नोट जमा करना हो, तो चेत जाएं

एसबीआइ के एटीएम पर कैश निकालने जुटे ग्राहक .
अभी तक पुराने 500 और 1000 के नोट पास में रखे हैं तो उसे अब जल्द बैंक में जमा करा दें, नहीं तो 30 दिसंबर के बाद यह नोट बैंक नहीं लेंगे. आरबीआइ या उसके बनाये गये सेंटर में ही यह नोट 31 मार्च तक जमा हो सकेंगे.
बेतिया : पुराने 500 व 1000 के नोट जमा करने के लिए 11 दिन बचे हैं. ऐसे में अब बैंकों से कम हुई भीड़ सोमवार से फिर जुटने की संभावना जताई जा रही है. बैंकों का मानना है कि भले ही पुराने पांच सौ व एक हजार की करेंसी सरकारी रूप से मान्य नहीं थी, पर अभी तक पुराने नोट बाजार में व्यवहारिक रुप से चलन में थे.
ऐसे में ज्यादातर लोग बैंकों में अभी पुराने नोट जमा नहीं कर सके हैं. अब सोमवार को बैंक खुलने के बाद पुरानी करेंसी जमा करने वालों की भीड़ जुटनी तय मानी जा रही है. बैंक प्रबंधनों का कहना है कि आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद से बैंकों में पुरानी करेंसी जमा करने के बजाय एक्सचेंज करने वालों की भीड़ ज्यादा थी. बाद में 25 नवंबर को एक्सचेंज बंद होने के बाद कैश निकालने वाले ही बैंकों में आ रहे थे. इसमें शादी-विवाह पर ढाई लाख रकम लेने वालों की संख्या भी ठीक-ठाक था. केसीसी, सीसी, ओटी व अन्य के जरिए भी पैसा निकालने वाले ही बैंकों में जुट रहे थे.
चेक, ड्राफ्ट से भी निकासी की गई. पुरानी करेंसी जमा करने वालों की कतारें कैश निकालने वालों की अपेक्षा कम रही. इसका मुख्य कारण पुरानी करेंसी का बाजार के चलन में जारी रहना था. पेट्रोल पंप, सरकारी हॉस्पिटल, रेलवे, टोल, रोडवेज की बसें आदि जगहों पर सरकार ने ही इस करेंसी को चलन में रखा था. इसके अलावे बाजार में छोटे-बड़े कारोबारी भी अपने कारोबार को देखते हुए पुरानी करेंसी पर खरीद-फरोख्त कर रहे थे. बाद में पेट्रोल पंप व अन्य स्थानों से भी पुरानी करेंसी के चलन को बंद कर दिया गया.
ऐसे में व्यवसायी भी अब पुराने नोट नहीं लेकर संग्रह किये हुए नोटों को 30 दिसंबर से पहले बैंक में जमा करने की फिराक में हैं. नतीजा बैंकों में जमा करने वालों की भीड़ और जद्दोजहद फिर से शुरू होने के कयास लगाये जा रहे हैं.
फिर होगी जद्दोजहद
अभी तक जिले के बैंकों में जमा हुई है 800 करोड़ की रकम, दस दिनों में और ज्यादा रकम जमा होने की संभावना
व्यवसायियों के पास संग्रह है पुरानी करेंसी, 30 दिसंबर तक होगी जमा
बाजार में भी पूरी तरह से बंद हो गये 500 और 1000 के पुराने नोट
नोटबंदी के बाद यूं रहे हालात
1. जमा हुए 700 करोड़: नोटबंदी के 38 दिनों में जिले के बैंकों में 700 करोड़ रुपये जमा हुए है. इसमें उत्तर बिहार ग्रामीण बैंकों में 200 करोड़ रुपये और शेष 500 करोड़ की राशि एसबीआइ, पीएनबी, सेंट्रल बैंक, एचडीएफसी, एक्सिस, केनरा समेत अन्य बैंकों में जमा हुए. अकेले भारतीय स्टेट बैंक की 31 शाखाओं में 350 करोड़ रुपये जमा किये गये.
2. बांटे गये 270 करोड़: आठ नवंबर से लागू हुए नोटबंदी के बाद से अभी तक जिले के बैंकों से विभिन्न करीब 270 करोड़ की रकम बांटी गई. जो आरबीआई की ओर से जिले के बैंकों में मिली थी. इन पैसों को विथड्राल, चेक, ड्राफ्ट, केसीसी के अलावे एटीएम से भी वितरित किये गये. हालांकि कई बैंकों में कैश का टोटा रहा. लेकिन स्थिति अब सामान्य हो गये थे.
कैशलेस सिस्टम को पलीता लगा रहे हैं बैंक
एक तरफ जहां कैशलेस व्यवस्था को सरकार जोर दे रही है. एटीएम कार्ड, ई-वैलेट, मोबाइल, पेटीएम जैस एप्स, आधार कार्ड आदि के प्रयोग वाले विज्ञापनें पूरे दिन टीवी चैनलों में प्रसारित हो रही है. वहीं दूसरी तरफ कैशलेस व्यवस्था को लागू कराने में बैंक ही पलीता लगा रही है. बैंकों में स्वाइप मशीनों के आवेदन के एक माह बाद भी व्यवसायियों को मशीन नहीं मिल पा रहा है.
बैंक का नाम आवेदन मिला
भारतीय स्टेट बैंक 650 55
सेंट्रल बैंक आफ इंडिया 20 00
पुराने नोट अभी बाजार में चलन में थे, जो अब बैंकों में जमा होने के लिए पहुंचेंगे. ऐसे में जमा करने वालों की संख्या बढ़ सकती है. इसको लेकर सभी बैंकों में आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिये गये हैं.
महेंद्र कुमार, प्रबंधक जिला अग्रणी बैंक
सोमवार से बैंक खुलने पर पुरानी करेंसी जमा करने के लिए बैंकों में जुटेगी भीड़,
अभी तक कैश निकालने में जुटे थे ग्राहक, बचे हुए लोग बदलवाएंगे पुराने नोट

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