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शिकारियों ने जहर देकर रॉयल बंगाल टाइगर को मारा

-बाघ और दो तेंदुए का सड़ा गला शव बरामद -जंगल में मिला हिरण और सूअर का कंकाल बगहा (प.चं.) : वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के गनौली के जंगल में शिकारियों ने एक रॉयल बंगाल टाइगर, दो तेंदुए , एक सूअर और एक हिरण को जहर देकर मार डाला. शनिवार की देर शाम में गनौली वन क्षेत्र […]

-बाघ और दो तेंदुए का सड़ा गला शव बरामद
-जंगल में मिला हिरण और सूअर का कंकाल
बगहा (प.चं.) : वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के गनौली के जंगल में शिकारियों ने एक रॉयल बंगाल टाइगर, दो तेंदुए , एक सूअर और एक हिरण को जहर देकर मार डाला. शनिवार की देर शाम में गनौली वन क्षेत्र के वन कक्ष संख्या टी – 16 (हथिअहवा नाला) के समीप से झाड़ी में फंसे रॉयल बंगाल टाइगर के क्षत विक्षत शव को वन कर्मियों ने बरामद किया. जिस स्थल से बाघ का शव बरामद किया गया, वहां से करीब पचास मीटर की दूरी से सुअर और हिरण का कंकाल बरामद किया गया है. संभावना व्यक्त की जा रही है कि शिकारियों ने हिरण और सुअर को मार कर उसके मांस में जहर मिला दिया था, जिसको खाने से बाघ की मौत हुई है.
जबकि उसी जगह पर एक सप्ताह पूर्व ग्रामीणों ने दो तेंदुए के कंकाल को देखा था. हालांकि तेंदुए के मारे जाने की पुष्टि वन विभाग के अधिकारी नहीं कर रहे हैं. वन संरक्षक आरबी सिंह ने बताया कि गश्ती के दौरान वन कर्मियों को जंगल की झाड़ी से किसी जानवर के सड़ने की बदबू आयी. इस आधार पर वन कर्मियों ने खोजबीन किया तो बाघ का शव बरामद किया गया. बाघ के शव का पोस्टमार्टम करा कर रविवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. शिकारियों ने बाघ को जहर देकर मारा है. संभावना है कि हिरण या सुअर को शिकारियों ने जहर देकर मारा है और उसके मांस को खाने से बाघ की मौत हुई है. पोस्टमार्टम के दौरान यह खुलासा हुआ है कि बाघ की मौत जहर खुरानी से हुई है.
एक माह पूर्व दिया गया था जहर
वन निदेशक ने बताया कि जनवरी माह में हीं शिकारियों ने बाघ को जहर दिया था, जिससे उसकी मौत हो गयी थी. वन कर्मियों की लापरवाही के कारण बाघ के शव की बरामदगी करीब एक माह बाद हुई है. इसकी जांच की जा रही है. कुछ वन कर्मियों को चिन्हित किया गया है. जांच पड़ताल कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. गनौली के जंगल से बरामद सुअर के मस्तिष्क कंकाल को फोरेंसी जांच के लिए भेजा जायेगा.जांच रिपोर्ट आने के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.
शिकारियों को खोजते रहे और बाघ तड़प कर मर गया
वन अपराध नियंत्रण ब्यूरो दिल्ली की टीम जनवरी माह में आयी थी. ब्यूरो के अधिकारियों के प्रयास से बाघ के खाल और कंकाल के साथ शिकारियों की गिरफ्तारी हुई. उसी दौरान शिकारियों ने एक रॉयल बंगाल टाइगर को मारने के लिए जहर दे दिया था. इधर, वन विभाग के अधिकारी तस्कर और शिकारियों को खोजते रहे और उधर बाघ जंगल में तड़प तड़प कर मर गया.
वन कर्मियों से हुई पूछताछ
बाघ के मौत मामले की जांचने करने के लिए पहुंचे वन संरक्षक आरबी सिंह ने रविवार को गनौली रेंज ऑफिस में अधिकारियों के साथ बैठक की और उसके बाद ड्यूटी में तैनात वन कर्मियों को बारी बारी से बुला कर पूछताछ किया गया. वन निदेशक ने बताया कि वन गश्ती दल के क्रियाकलाप की जांच हो रही है. लापरवाही के कारण हीं बाघ का शव देर से बरामद किया गया.

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