लौरिया : आज भी मरहिया के अनीसुर्ररहमान को वो दिन अच्छी तरह से याद है. मैट्रिक का रिजल्ट निकला था. खुद का नाम प्रथम श्रेणी में देख इसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मेहनत का फल जो आज मिला था. माता-पिता भी इस होनहार बेटे की सफलता पर फूले नहीं समा रहे थे. दो बड़े भाई भी छोटे की कामयाबी से खुश थे. सोचा था कि पढ़ाई के बूते रहमान एक अच्छा ओहदा पायेगा. लेकिन नियति को यह कत्तई मंजूर नहीं था.
परिवार की खुशी ज्यादा दिन नहीं टिक पायी और पखवारे बाद भी 19 मई को होनहार अनीसुर्ररहमान सड़क हादसे में घायल हो गया. डॉक्टरों ने बताया कि रीढ़ की हड्डी टूट गयी है और रहमान का इलाज यहां मुश्किल है. एक झटके में सारे अरमान टूट गये. हाथ में जो भी था, वह सब लगाकर बेतिया, मोतिहारी से लेकर पटना तक इलाज कराया. लेकिन रहमान खड़ा नहीं हो सका.आज 20 साल बाद हालात एकदम जुदा हैं. होनहार बेटा रहमान बिस्तर पर पड़ा रहता है.
मां शरीफुन निशा के अलावे बड़े भाई अजीमुल्लाह व कलीमुल्लाह उसका ख्याल रखते हैं. रहमान की जिंदगी मुफलिसी में कट रही है. पिता नुरूल होदा एक छोटे से किसान है. रह-रह कर रहमान सिहर उठता है. एक छोटे सी दुर्घटना से उसे जीवन भर का जख्म दे दिया है. सामने अभी पहाड़ सी जिंदगी है.