बेतिया
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‘नेटवर्क’ पर लगाम के बजाय तड़ीपार की तैयारी
बेतिया जेल में अपराधियों द्वारा मोबाइल के प्रयोग पर रोक लगाने में नाकाम पुलिस ने एक और योजना बनायी है. योजना जेल में बंद शातिरों को तड़ीपार करने की है. इसके लिए चिह्न्ति दर्जन भर अपराधियों को सप्ताह भीतर ही गैर जिला जेल में भेज दिया जायेगा.पुलिस का मानना है कि इससे जेल से चल […]
जेल में अपराधियों द्वारा मोबाइल के प्रयोग पर रोक लगाने में नाकाम पुलिस ने एक और योजना बनायी है. योजना जेल में बंद शातिरों को तड़ीपार करने की है.
इसके लिए चिह्न्ति दर्जन भर अपराधियों को सप्ताह भीतर ही गैर जिला जेल में भेज दिया जायेगा.पुलिस का मानना है कि इससे जेल से चल रहे रंगदारी मांगने के मामलों पर अंकुश लगेगा और आपराधिक घटनाओं में कमी आयेगी. वहीं कानून के जानकार कहते हैं कि यदि पुलिस जेल में बंद इन शातिरो के मोबाइल प्रयोग पर रोक लगा दें तो इनका नेटवर्क ही ध्वस्त हो जायेगा.
मुलाकाती के मामलों में ही आश्वस्त परिजनों को ही इनसे जेल में मिलने दिया जाय. इससे तड़ीपार की नौबत ही नहीं आयेगी और क्राइम कंट्रोल रहेगा. नहीं तो यह शातिर दूसरे जेल में जाने के बाद भी मोबाइल के जरिये आपराधिक साजिश रचते रहेंगे.मंडल कारा बेतिया से शातिरों के तड़ीपार होने से खर्चा भी बढ़ेगा. जानकार बताते हैं कि इन अपराधियों को हर तारीख पर कोर्ट में पेशी पर लाया जाता है. ऐसे में यदि इन्हें गैर जिला भेजा गया तो पेशी पर लाने व ले जाने में खर्च भी बढ़ जायेगा.
क्यों बनी योजना?
बेतिया जेल में बंद शातिरों को तड़ीपार करने की योजना के पीछे सर्वाधिक वजह रंगदारी का है. दरअसल, बीतें कुछ माह में व्यवसायियों से रंगदारी मांगने और फिर दहशत के लिए गोली चलाने के मामले के खुलासे में जेल में बंद शातिरों का नाम सामने आया. गिरफ्तार लोगों ने इसका खुलाया किया और यह भी बताया कि पूरा नेटवर्क जेल से चलता है. इसके बाद बेतिया पुलिस ने यह योजना बनायी है.
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