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तकनीकी शिक्षा अनुदान में जालसाजी

गड़बड़झाला तो नहीं. मजदूर को छात्र बनाकर अनुदान डकारने की थी तैयारी बगहा/रामनगर : अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति छात्रों को तकनीकी शिक्षा के लिए मिलने वाली अनुदान में बड़े पैमाने पर घलमेल है. फर्जी आवेदनों के आधार पर मद्रास , कर्नाटक, पंजाब , यूपी ओडिसा समेत अन्य प्रांतों की तकनीकी संस्थानों से मिलीभगत […]

गड़बड़झाला तो नहीं. मजदूर को छात्र बनाकर अनुदान डकारने की थी तैयारी
बगहा/रामनगर : अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति छात्रों को तकनीकी शिक्षा के लिए मिलने वाली अनुदान में बड़े पैमाने पर घलमेल है. फर्जी आवेदनों के आधार पर मद्रास , कर्नाटक, पंजाब , यूपी ओडिसा समेत अन्य प्रांतों की तकनीकी संस्थानों से मिलीभगत कर सरकारी राशि गबन करने की योजना को अंजाम दिया गया है.
हालांकि अधिकारियों की तत्परता की वजह से रामनगर में जालसाजी के पांच मामले पकड़ में आये हैं. दिल्ली में मजदूरी करने वाले युवक को छात्र बना कर उसके नाम पर अनुदान के लिए भेजा गया आवेदन पकड़ा गया है. कल्याण विभाग के उच्चधिकारियों के आदेश से इस फर्जीवाड़े की जांच हो रही है.
अनुदान की राशि के लिए फर्जी आवेदन पत्र भेजने वाली तकनीकी संस्थाओं पर भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है. कल्याण पदाधिकारी मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि अभी जांच चल रही है. विकास मित्रों का प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है जिसमें फर्जी आवेदन जमा करने के पांच मामले प्रकाश में आये हैं.
मजदूर के नाम पर अनुदान
भावल गांव के देवनारायण साह गोंड़ के पुत्र शेषनाथ कुमार . ये पिछले 10 वर्ष से दिल्ली में एक कंपनी में काम करते हैं. इनके नाम से अनुदान की राशि के लिए आवेदन आया है. जांच करने के लिए विकास मित्र जब आवेदन के घर गया तो परिजन हैरत में पड़ गये.
किसान को कैसे मिले शिक्षा अनुदान
भावल गांव देवनारायण साह के पुत्र नित्यानंद साह के नाम से आया. नित्यानंद गांव में हीं रहता है. वह अपने पिता के साथ खेती – बारी में हाथ बंटाता है. विकास मित्र योगेंद्र राम जब जांच करने के लिए दूसरी बार उनके घर गये ते देवनारायण चिंतित हो गये. उन्हें लगा कोई उनलोगों को फंसाने की साजिश कर रहा है.
डीलर के नाम पर फरेब
परसौनी गांव के कृष्णदेव राम. पिता मोतीलाल राम. इनका उम्र करीब 38 वर्ष होगा. ये जनवितरण दुकानदार है. इनके नाम से भी एक आवेदन तकनीकी शिक्षा के लिए वार्षिक अनुदान लेने के लिए आया है. अब ये यहां डीलर हैं या पंजाब में तकनीकी शिक्षा ले रहे हैं? इसकी जांच हो रही है.
टोला सेवक है संजय
नगर के ठाकुरबाड़ी टोला के संजय कुमार. पिता वीरेंद्र बैठा. वर्ष 20013 -14 से बतौर टोला सेवक कार्यरत हैं. अभी जब अनुदान के लिए आवेदन आया है तो कल्याण विभाग के साथ- साथ शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गयी है. अगर संजय के नाम से टोला सेवक के रूप में प्रतिमाह मानदेय का उठाव हो रहा है तो ये क्या है ? इसकी जांच हो रही है.
फर्जी आय प्रमाण पत्र
नियर मिल बहुअरी के अभिषेक पिता मेघराज बैठा. विकास मित्र ने इनके मामले में जांच प्रतिवदेन दिया है वह भौंचक करने वाला है. इनका आय प्रमाण पत्र गलत है. इन्होंने अपनी वार्षिक आमदनी एक लाख 11 हजार 600 रुपये दी है. जबकि वास्तव में इनकी आमदनी 6 लाख 11 हजार वार्षिक की है.

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