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बिजली-पानी की नहीं है समुचित व्यवस्था

कुव्यवस्था : तेघड़ा नगर पंचायत का कार्य भगवान भरोसे, पार्षदों में आक्रोश नगर पंचायत के गठन से लेकर आज तक स्थायी कार्यपालक पदाधिकारी की नहीं हो पायी है नियुक्ति बेगूसराय/तेघड़ा : तेघड़ा नगर पंचायत का कार्य भगवान भरोसे चल रहा है. नतीजा है कि जनहित का कोई भी काम आज तक धरातल पर नहीं उतर […]

कुव्यवस्था : तेघड़ा नगर पंचायत का कार्य भगवान भरोसे, पार्षदों में आक्रोश
नगर पंचायत के गठन से लेकर आज तक स्थायी कार्यपालक पदाधिकारी की नहीं हो पायी है नियुक्ति
बेगूसराय/तेघड़ा : तेघड़ा नगर पंचायत का कार्य भगवान भरोसे चल रहा है. नतीजा है कि जनहित का कोई भी काम आज तक धरातल पर नहीं उतर पाया है.
और तो और बिजली-पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. सरकार घोषणा तो कर देती है, लेकिन उस घोषणा को कैसे कार्य रू प दिया जाये इस दिशा में सकारात्मक पहल होती है. इसका खामियाजा आमलोगों को भुगतना पड़ता है. तेघड़ा नगर पंचायत पूर्ण रू प से अपना अधिकार ग्रहण करे, इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा कई बार आवाज उठा कर शासन और प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया, लेकिन तेघड़ा नगर पंचायत की तसवीर नहीं बदल पायी है.
वर्ष 2012 में अस्तित्व में आयी तेघड़ा नगर पंचायत
राज्य सरकार की घोषणा के बाद वर्ष 2012 में तेघड़ा नगर पंचायत ने अपना काम करना कागज पर शुरू कर दिया.कई माह तक सिर्फ कागज पर ही काम होते रहे. इसके बाद एक कर्मचारी एवं प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी को भेजा गया, लेकिन दुर्भाग्य कहा जाये कि आज तक लगभग आधा दर्जन प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी, तेघड़ा नगर पंचायत का काम देखने आये लेकिन वे छह माह से अधिक समय तक नहीं रह पाये.
वैसे पदाधिकारी को यहां भेजा जाता रहा, जिनके जिम्मे दूसरे विभाग का काम भी है. नतीजा है कि वैसे पदाधिकारी पूर्ण रू प से तेघड़ा नगर पंचायत को अपना समय नहीं दे पाते हैं. इसके चलते आज तक तेघड़ा नगर पंचायत की योजना धरातल पर नहीं उतर पायी है. तेघड़ा नगर पंचायत के विकास का कार्य ठप रहने से क्षेत्रीय लोगों के आक्रोश का सामना स्थानीय वार्ड के जनप्रतिनिधियों को ङोलना व सुनना पड़ता है.
पदाधिकारियों का अभाव, पड़ी हैं योजनाओं की राशि
तेघड़ा नगर पंचायत में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. स्थायी पदाधिकारियों के नहीं रहने से सरकार के द्वारा स्वीकृत योजनाओं की राशि पड़ी हुई है. उसे देखनेवाला कोई नहीं है.
बताया जाता है कि बिहार सरकार के नगर विकास आवास विभाग के द्वारा 2 करोड़, 70 लाख की राशि पड़ी हुई है. इस दिशा में भी कई बार जिला स्तर के पदाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया. यहां तक कि तेघड़ा नगर पंचायत के पार्षदों का शिष्टमंडल जिलाधिकारी से भी मिल कर तेघड़ा नगर पंचायत में स्थायी पदाधिकारी देने एवं योजनाओं को कार्य रू प देने की मांग की, लेकिन इस दिशा में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो पायी.
पंचायत के लोगों को अब तक नहीं मिला है राशन कार्ड
तेघड़ा नगर पंचायत की गजब विडंबना है. नगर पंचायत बने लगभग तीन साल हो गये, लेकिन पंचायत से अभी भी तेघड़ा नगर पंचायत को कागजात उपलब्ध कराया जा सका है. सबसे ताज्जुब की बात यह है कि तेघड़ा नगर पंचायत के एक भी लोग को अब तक राशन कार्ड मुहैया नहीं कराया जा सका है.
अन्य सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए यहां के लोग दर-दर भटकते नजर आते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे बेहतर तो पंचायत थी, जहां कुछ-न-कुछ सुविधाएं मुहैया हो जाती थीं, लेकिन नगर पंचायत बनने के बाद पंचायत से मिलनेवाली सुविधाएं भी समाप्त हो गयीं और तेघड़ा नगर पंचायत से विकास की उम्मीद तो करना ही बेकार है.
पार्षदों में है जबरदस्त आक्रोश
तेघड़ा नगर पंचायत के प्रति शासन और प्रशासन की उदासीनता को लेकर अब निर्वाचित वार्ड के प्रतिनिधियों में जबरदस्त आक्रोश उभरने लगा है. जो कभी भी बड़े आंदोलन का रू प ले सकता है.
वार्ड पार्षदों का कहना है कि नगर पंचायत में तेजी से विकास हो, इसके लिए पूर्णकालिक कार्यपालक पदाधिकारी की आवश्यकता है. मगर गठन के समय से लेकर अभी तक पांच से छह कार्यपालक अपूर्ण रू प से योगदान किये और चले गये. यही स्थिति अब तक बनी हुई है. इसके कारण तेघड़ा नगर पंचायत के विकास का सारा कार्य ठप है. वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी अतिरिक्त प्रभार में बेगूसराय में उपसमाहर्ता के पद पर काबिज हैं.
पार्षदों का कहना है कि महीनों से इनका दर्शन नगर पंचायत के कार्यालय में नहीं होने के कारण सारी योजनाएं ठप हैं. स्थायी कार्यपालक पदाधिकारी हेतु कई बार नगर विकास सहित वरीय पदाधिकारी को लिखा गया, लेकिन ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हुई. नतीजा है कि तेघड़ा नगर पंचायत के सभी पार्षद आक्रोशित हैं.
पार्षदों का कहना है कि शासन और प्रशासन की उदासीनता का खामियाजा हम जनप्रतिनिधियों को भुगतना पड़ रहा है. पार्षदों ने साफ कहा कि अगर तेघड़ा नगर पंचायत की स्थिति में सुधार नहीं हुआ और यहां स्थायी पदाधिकारी की तैनाती नहीं हुई तो हम लोग आंदोलन को तेज करेंगे.
तेघड़ा नगर पंचायत अब नगर पर्षद बनने की राह पर है. लेकिन, प्रशासनिक उपेक्षा के कारण विकास कार्य ठप हैं, जो गंभीर मामला है. इस संबंध में बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग से बात करेंगे. जिला प्रशासन को अपने स्तर से पहल कर इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने चाहिए ,ताकि तेघड़ा में जनहित के कार्यो में तेजी आ सके.
डॉ भोला सिंह, सांसद, बेगूसराय
तेघड़ा नगर पंचायत में विकास की रफ्तार तेज हो इसके लिए पूर्णकालिक कार्यपालक पदाधिकारी की आवश्यकता है. इस दिशा में कई बार सरकार एवं प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया, लेकिन तेघड़ा नगर पंचायत गठन के तीन वर्ष बीत गये आज तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. इसके चलते जनता का कोपभाजन बनना पड़ रहा है.
सुरेश रोशन, उपमुख्य पार्षद, तेघड़ा नगर पंचायत

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