मातम. एक ही परिवार से निकले दो जनाजे, पूरा गांव हुआ गमगीन
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बेटवा के जिया दी ए छठी मइया…
मातम. एक ही परिवार से निकले दो जनाजे, पूरा गांव हुआ गमगीन अरेराज : प्रखंड की रढ़िया पंचायत के एक ही परिवार से दो युवक का शव यात्रा निकलते ही पूरा गांव हुआ गमगीन हो गया. ग्रामीण एक ही स्वर में कहते नजर आये की ये भगवान ने क्या किया. अपनी चाची के श्राद्ध का […]
अरेराज : प्रखंड की रढ़िया पंचायत के एक ही परिवार से दो युवक का शव यात्रा निकलते ही पूरा गांव हुआ गमगीन हो गया. ग्रामीण एक ही स्वर में कहते नजर आये की ये भगवान ने क्या किया. अपनी चाची के श्राद्ध का भोज खाकर ससुराल गये दोनों भाई के साथ किस निर्दयी ने ऐसी हत्या कर दी.
चाची के श्राद्धकर्म का समयाना अभी दरवाजे पर ही था कि उसी परिवार के दो युवक का शवयात्रा निकला. विदित हो की शनिवार की शाम सात बजे रूपेश व कमलेश चाची के श्राद्ध के भतवान का भोज लोगों को खिलाने के बाद स्वयं खा कर ससुराल के लिए गये. लेकिन सुबह दोनों की हत्या की खबर सुन पूरे क्षेत्र में मातमी सन्नाटा छा गया. पोस्टमार्टम के बाद गांव पहुंचे दोनों शव को दोनों के पिता ने ही मुखाग्नि दी. एसडीओ विजय कुमार पांडेय के निर्देश पर बीडीओ अमित कुमार पांडेय ने दोनों पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 -20 हज़ार का चेक दिया गया.
बार-बार बेहोश हो जा रही थी मां: हमरा बेटवा के मिला दी ए छठी मइया… यह दर्द भरी विलाप कर रही मृतक रूपेश की मां कुमुद देवी बार बेहोश हो जा रही थी, जिसके चलते पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है.
मृतक की मां बिलखते हुए कह रही थी कि पूर्व की बाइक दुर्घटना में छठी माता की कृपा से मेरा लाल बच गया था. आज की घटना की सूचना पर उनको विश्वास नहीं हो रहा था कि इकलौता कमानेवाला पुत्र इस अवस्था में छोड़कर चला गया है. वही मृतक की बहन व चाची सहित गांव की अन्य महिलाएं ढांढ़स बंधाने में जुटी हुई थी. वही दूसरी तरफ गांव के गण्यमान्य लोग सुरेंद्र राय, विपिन सिंह, राजेश पांडेय, कृष्ण मिश्र आदि लोग सांत्वना देने में जुटे थे.
एक ही परिवार के दो कमानेवाले युवकों की निर्मम हत्या की चर्चा पूरे अनुमंडल क्षेत्र में हैं. वही पूरे क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है. जबकि मृतक कमलेश की पत्नी ज्योति कुमारी पेट में पल रहे सात माह का गर्भ लिए चीत्कार मार रही थी. साथ ही बेहोश हो जा रही थी. हृदय रोग से ग्रसित माता व पिता भैरव ठाकुर पतोह के पेट में पल रहे बच्चे व परिवार की परवरिश की चिंता को लेकर अंदर ही अंदर घुटन महसूस कर रहे थे.
अरेराज :
मृतक रूपेश की पारिवारिक स्थिति इतनी खराब थी की दो वर्षों से पेट्रोल पंप पर नोजल मैन का कार्य कर परिवार का भरण-पोषण करता था. बलहा चौक स्थित विंध्याचल पेट्रोल पंप कर्मियों की माने तो मृतक रूपेश लगभग दो वर्षों से पंप पर कार्य करता था. इतना कुशल व्यवहार का था कि किसी से बिना काम के बात भी नहीं करता था. वह रात व दिन दोनों शिफ्ट में काम करके घर चला जाता था. शनिवार को भी शाम पांच बजे शिफ्ट खत्म होने के बाद चाची की श्राद्ध के भतवान में शामिल होने के लिए गया.
रविवार की सुबह ग्रामीणों द्वारा उसकी हत्या की सूचना मिली. पंप कर्मियों ने शोक सभा कर पंप को एक दिन के लिए बंद रखा.
सूत्रों की माने तो पेट्रोल पंप पर काम कर परिवार का खर्च चलता था.
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